Mandsaur News: मंदसौर में मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा डॉ रघुवीर सिंह स्मृति समारोह व्याख्यान एवं रचना पाठ समारोह संपन्न
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद का साहित्यकार डॉ रघुवीर सिंह स्मृति समारोह व्याख्यान एवं रचना पाठ कवि सम्मेलन मंगलवार को नगर पालिका सभागार में मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी निदेशक डॉ विकास दवे के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पुरातत्व वेत्ता राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त श्री कैलाश चंद्र पांडेय की अध्यक्षता तथा लेखक, वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल के संयोजन में आयोजित हुआ।
इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार कवि गोपाल बैरागी मंदसौर, एकाग्र शर्मा इंदौर, हिमांशु हिंद झाबुआ, धीरज चौहान इंदौर, अमन जादौन शाजापुर, नरेंद्र भावसार मंदसौर, डॉ नीलेश नगाइच नील मंदसौर, पोरवाल मुकेश निडर पिपलिया मंडी के सानिध्य में रचना पाठ किया गया।
कार्यक्रम आरंभ में श्री पांडेय, डॉ दवे, डॉ बटवाल श्री त्रिवेदी एवं अतिथियों के सरस्वती चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन किया। नंदकिशोर राठौर ने सरस्वती वंदना मां बस यह वरदान चाहिए प्रस्तुत की। अतिथि परिचय एवं स्वागत उद्बोधन कार्यक्रम संयोजक वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल ने दिया।
मंच पर प्रमुख वक्ता इतिहासकार श्री कैलाशचंद्र पांडेय एवं साहित्य अकादमी निदेशक डॉ विकास दवे का स्वागत सम्मान शाल श्रीफल एवं पुष्प माला से नरेंद्रसिंह सिपानी, डॉ घनश्याम बटवाल, नरेंद्र त्रिवेदी, सुरेंद्र दीक्षित, अजीजुल्लाह खान आदि ने किया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए निदेशक डॉ विकास दवे ने कहा कि साहित्य अकादमी प्रदेश में कीर्ति पुरुषों, विभिन्न क्षेत्रों के इतिहास, साहित्य और विशिष्ट योगदान करने वाले महापुरुषों के स्मृति प्रसंग आयोजित कर रहा है। इस श्रृंखला में मंदसौर जिले का प्रथम स्मृति प्रसंग पुर्व सांसद लेखक, इतिहासकार डॉक्टर रघुवीर सिंह पर केंद्रित है।
आपने कहा महाराज कुमार डॉ रघुवीर सिंह सीतामऊ मालवा रियासत के जांबाज योद्धा थे जिन्होंने अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर अंग्रेजी हुकूमत का दृढ़तापूर्वक सामना किया। सार्वजनिक जीवन में भी आप अपनी मातृभाषा के प्रति संवेदनशील एवं जीवन मूल्यों के पौषक थे। निजी रूप से मालवी भाषा में भी संवाद करते थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यक्तित्व डॉ रघुवीर सिंह का निधन 1991 में हुआ पर उनका कृतित्व और साहित्यिक अवदान कालजयी है।
निदेशक डॉ विकास दवे ने उनकी स्मृतियों को याद कर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी एवं प्रदेश संस्कृति परिषद की ओर से भावांजलि अर्पित की।
प्रमुख वक्ता इतिहासकार एवं पुरातत्व विद्वान कैलाशचंद्र पांडेय ने कहा कि छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध सीतामऊ मालवा रियासत के महाराज कुमार डॉ रघुवीर सिंह देश की 500 से अधिक रियासतों में एकमात्र बी ए पास व्यक्ति थे जो तत्कालीन मध्य भारत की 22 रियासतों में साहित्यिक गजेटियर निर्माण समिति के प्रमुख सदस्य थे अभिलेखों के प्रति आपकी इच्छा शक्ति का ही परिणाम आपके द्वारा स्थापित नटनागर शोध संस्थान है जो आज भी देश के शोधार्थियों का प्रमुख केंद्र है दुर्लभ संग्रहालय में बड़ी संख्या में विभिन्न भाषाओं का साहित्य उपलब्ध है। ऐसी शख्सियत का स्मृति समारोह पूरे मालवा प्रांत का सम्मान समारोह है।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में साहित्य अकादमी निदेशक डॉ विकास दवे प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी, डॉ दिनेश तिवारी, नटनागर शोध संस्थान अधिकारी डॉ सहदेव सिंह चौहान, डॉ स्वप्निल ओझा, बालकृष्ण दवे, नरेंद्र सिंह राणावत ने सभी रचनाकारों का पुष्पमाला से सम्मान किया।
रचना पाठ कवि सम्मेलन मंच संचालन कवि एकाग्र शर्मा ने किया।
सर्वप्रथम शाजापुर के अमन जादोन काव्य पाठ करते हुए “दुख के लम्हों में आंखों से आंसू बन बहती हिंदी- सुख के क्षणों में होठों की मुस्कान बनी रहती हिंदी” गीत रचना प्रस्तुत की।
पिपलियामंडी के युवा कवि पोरवाल मुकेश “निडर” ने पर्यावरण गीत आओजी आओ पेड़ लगायें हम पेड़ बचाएं हम प्रस्तुत किया।
डॉ नीलेश नगाइच “नील” ने साहित्यकारों के कार्य की अहमियत प्रदर्शित करते हुए कहा कि कुछ भी आसान नहीं लिखना फनकारों से लोहा काट रहे कागज की तलवारों से सुनाया। आपने कविता पर स्वरचित कविता प्रस्तुत की।
इंदौर के धीरज चौहान ने हम चमकना चाहते हैं देर तक इसलिए हमने रोशनी कम कर रखी है रचना सुनाई। हिमांशु हिंद झाबुआ ने बेटियों को इतना नाजुक मत बनाइए झांसी वाली रानी जैसी वीरता सिखाइये प्रस्तुत की।
मंदसौर के कवि नरेंद्र भावसार ने हास्य व्यंग्य से गुदगुदाया “मैं स्कूल गया ना कॉलेज, इसीलिए बहुत है नॉलेज ” हास्य रचना प्रस्तुत की।
इंदौर के युवा कवि एकाग्र शर्मा ने संचालन करते हुए गीत तेरे तट पर चारों धाम मां नर्मदे तुझे प्रणाम सुनाया। वरिष्ठ कवि गोपाल बैरागी ने गीत भारत का तिरंगा लहराया झूम उठी तरुणाई है मेरे भारत में भगवा की मस्ती छाई है गीत सुनाया जिसकी सबने दाद दी।
कार्यक्रम के अंत में पिपलियामंडी के कवि पंकज शर्मा “तरुण” के काव्य संग्रह “नव पल्लव” का विमोचन अतिथियों एवं कवियों ने किया। इस मौके पर डॉ घनश्याम बटवाल द्वारा संपादित एवं लाल बहादुर श्रीवास्तव के रेखांकन सज्जित साहित्य संग्रह “यथार्थ” की प्रति अतिथियों एवं कवि रचनाकारों को भेंट की गई।
कार्यक्रम संचालन संयोजक वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल ने किया, आभार नरेंद्र त्रिवेदी ने माना।
साहित्यिक समारोह में गणमान्य ओर प्रबुद्धजनों के साथ नटनागर शोध संस्थान मुख्य शोध अधिकारी डॉ रेखा द्विवेदी, डॉ ज्ञानचंद खिमेसरा, हरीश दवे, बालूसिंह सिसोदिया, डॉ रविन्द्र पांडेय, चंदा डांगी किरण श्रीवास्तव, डॉ आकांक्षा त्यागी, जयेश नागर, श्रीमती अलका दवे, पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, जिला धार्मिक उत्सव समिति संयोजक वरदीचंद कुमावत, कन्हैया लाल सोनगरा, सी ऐ सिद्धार्थ अग्रवाल, गोपाल पंचारिया, सचिन पारिख, संतोष परसाई, भगवती प्रसाद गेहलोत, सतीश नागर, यशपाल राव शिंदे, शम्भूदयाल व्यास, कार्यक्रम अधिकारी राकेश सिंह, प्रकाश कल्याणी हिमांशु पांडे, सुनील राठौड़, माधव श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर जनपरिषद संस्था कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती चंदा अजय डांगी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वनिर्मित कपड़े की थैलियां अतिथियों, कवियों एवं गणमान्य को निःशुल्क भेंट की और प्रेरित किया।