Mandsaur News -मोबाइल और सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव को संगीत और नृत्य माध्यम से नियंत्रित किया जासकेगा – न्यायाधीश श्री बहरावत

गुरू- शिष्य परंपरा से पुष्ट यह विधा जीवन में ज्ञान और मान प्रदान करती है - प्रिंसिपल श्री शर्मा   लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव मनाया

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Mandsaur News -मोबाइल और सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव को संगीत और नृत्य माध्यम से नियंत्रित किया जासकेगा – न्यायाधीश श्री बहरावत

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । दशपुर मंदसौर के लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय ने अपना वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन बीती शाम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।

स्वर कोकिला भारतरत्न लतामंगेशकर की द्वितीय पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में स्वर्गीय लताजी को श्रद्धा और आदर से याद किया गया ।

मंदसौर के शासकीय संगीत महाविद्यालय का नामकरण ही लतामंगेशकर के नाम समर्पित किया गया है ।

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वार्षिकोत्सव समारोह में संस्था के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने कई मनमोहक प्रस्तुति दी। इसमें छोटे-छोटे बच्चे-बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तथा पुरुषों ने भी भाग लिया।

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कार्यक्रम के आरंभ में मां सरस्वती के चित्र और स्वर कोकिला भारतरत्न लताजी चित्र पर माल्यार्पण किया ।

प्रारंभ सरस्वती वंदना कथक नृत्य की प्रस्तुति से की गई।

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समारोह में मुख्यातिथि अतिरिक्त न्यायाधीश श्री हर्षसिंह बहरावत ने कहा की एक और जहां

बच्चे मोबाइल में अत्यधिक व्यस्त रहते हैं और आज मैं देख रहा हूं वही नन्हे बच्चे बड़े यहां संगीतविधा से जुड़े हैं साधना कर रहे हैं शास्त्री गायन वादन सीख रहे हैं । आपने कहा मोबाइल और सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभाव को इन सर्जनात्मक और रचनात्मक विधाओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है । आपने

बताया संगीत और नृत्य व्यक्तित्व विकास के साथ सृजन और वंदना का भी सशक्त माध्यम है ।

लताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए न्यायाधीश श्री बहरावत ने उनके संगीत में अतुलनीय योगदान की सराहना की ।

 

पीजी कॉलेज प्रिंसिपल श्री एल एन शर्मा ने कहा की मैं जो कुछ हूं अपने गुरु की कृपा से हूं उनके आशीष से हूं

जब हमारे गुरु स्वयं हमारा नाम ले कर अन्य को बताएं की यह मेरा शिष्य है

सुखद अनुभूति होती है।

अपने गुरु से आशीष लेकर खूब साधना कर सीखते रहें। संगीत विधा में गुरु शिष्य परंपरा से ज्ञान और स्थान मिलना तय है ।

आपने लता मंगेशकर के बारे में बताया कि बाल्यकाल से ही गुरु के माध्यम से संगीत सीखा और इतनी ऊंचाई हांसिल की , यह मिसाल भी है और प्रेरणा भी ।

 

संगीत महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर उषा अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा हमारा स्टॉफ पूर्ण रूप से समर्पित हो कर कार्य करता है और उसी का परिणाम है बच्चे यहां के गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम भी अंकित करवा कर आए साथ ही शिक्षक गण संस्कृति मंत्रालय की सूचि में है और अन्य विशिष्ट आयोजन में भी अपनी प्रस्तुति देते हैं जैसे तानसेन समारोह, भारत पर्व आदि।

यह बच्चों का अपना आयोजन है

उनको बधाई भी दी ।

 

लता मंगेशकर शासकीय संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी समिति मंदसौर अध्यक्ष

नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने कहा भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर की द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन

आज वार्षिकोत्सव 2024 का आयोजन

हमारे लिए मानो लता जी आशीष दे रही हों नेह बरसा रही हो।

 

संगीत महाविद्यालय विद्यार्थियों के द्वारा

रंगोली,गायन ,कथक नृत्य,वादन तबला वादन,वायलिन आदि विधाओं में बहुत सुंदर प्रदर्शन किया । आयोजित प्रतियोगिता के प्रथम द्वितीय पुरस्कारों के साथ जनभागीदारी समिति द्वारा 75 वे गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुति देने वाले छात्र छात्राओं संग संगीत व नृत्य शिक्षकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

कार्यक्रम का संचालन डॉ अल्पना गांधी ने किया।

इस अवसर पर दशपुर रंगमंच संयोजक अभय मेहता स्पिक मैके कन्वीनर श्रीमतीचंदा डांगी, इनरव्हील क्लब अध्यक्ष डॉक्टर उर्मिलासिंह तोमर ,प्रो टी के झाला,अजय डांगी,योग गुरु बंशीलाल टांक, दिलीप सेठिया,विनोद मांदलिया,

संतोष सर,पीजी कॉलेज पूर्व प्राचार्य डॉ बी आर नलवाया , फ़िल्म आर्टिस्ट

संजय भारती,फ़िल्म डायरेक्टर प्रदीप कुमार शर्मा

साहित्य परिषद जिला अध्यक्ष कवि नरेंद्र भावसार

स्वाति रिछावरा,अजीजुल्लाह खान एवं संगीत प्रेमी सुधिजन उपस्थित रहे