Mandsaur News – सनातन आदि, अनादि, अनंत है -: डॉ. बटवाल 

सनातन धर्म सर्वस्व और सर्वोपरि -: पं. जोशी   देर रात तक चली काव्य निशा और भजन संध्या मे आनंदित हुवे सारे वर्ग 

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Mandsaur News – सनातन आदि, अनादि, अनंत है -: डॉ. बटवाल 

मन्दसौर । जिले के पिपलियामंडी गणेशोत्सव मे प्रसिद्ध श्री टीलाखेड़ा बालाजी मंदिर समिति के तत्वावधान व युवा उत्सव समिति के सहयोग से अ.भा. साहित्य परिषद तहसील इकाई द्वारा मंदिर परिसर मे काव्य निशा एवं भजन संध्या आयोजित हुई

 

जिसमे बतौर मुख्य अतिथि जिले के वरिष्ठ पत्रकार,जनपरिषद जिलाध्यक्ष एवं मानव अधिकार आयोग मित्र डॉ. घनश्याम बटवाल ने अपने उद्बोधन मे सनातन धर्म की महिमा का बखान करते हुवे कहा की सनातन की व्याख्या करना कठिन है क्योंकि यह आदि, अनादि और अनंत है। हमारा धर्म सकल विश्व को सहिष्णुता व भाईचारे का संदेश देता है। वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा भारतीय और सनातन धर्म की मूल संस्कृति है ।

आपने भज मारुति हनुमाना बजरंग बलवाना की सामुहिक ध्वनि का संचार किया ।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मंदसौर जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष पं. ब्रजेश जोशी ने कहा की जिस धर्म के शास्त्रों और ग्रंथों मे दयाभाव, अहिंसा और करुणा के संदेश हैं वो सनातन धर्म आज पूरी सृष्टि का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। श्री जोशी ने श्री गणपतिजी और कार्तिकेय की महिमा का एक देवलोक मे हुवे एक सत्य व प्रेरक घटनाक्रम के माध्यम से बखान किया।

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विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी और सेवानिवृत्त बैंककर्मी ओमप्रकाश बटवाल ने विकृत होती संस्कृति को लेकर कहा की युवा वर्ग का अपने सनातन धर्म की ओर उन्मुख होना प्रसन्नता की बात है। एसे धार्मिक आयोजन हमें और नई पीढ़ी को धर्म के प्रति आस्थावान होकर जागृत रहने की प्रेरणा देते है। कार्यक्रम की शुरूवात मे सुनील राठौर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की प्रसिद्ध गायक राजकुमार अग्रवाल ने अपने सुरीले कण्ठ से गणपति जी के आव्हान वाले भजन से आरम्भ होकर श्री कृष्ण, , प्रभु श्री राम, हनुमान जी की स्तुति वाले भजन गाकर सभी को भक्ति रस मे डुबो दिया। देश के सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पिपलियामंडी निवासी श्री विक्रम कनेरिया ने अपने होनहार पुत्र देव कनेरिया के साथ संयुक्त रूप से कर्णप्रिय बांसुरी वादन कर सबका दिल जीता अतिथियों ने प्रोत्साहन स्वरुप नगद राशि भी भेंट की।

इसके पश्चात काव्य निशा प्रारंभ हुई जिसमे मंदसौर के कवि नंदकिशोर राठौर ने मालवी कविता – या है मालवा की माटी सुनाकर खूब तालियां बटोरी। हास्य कवि नरेंद्र भावसार ने महिलाओं के पीड़ा को हास्य व्यंग के माध्यम से बड़ी ही खूबसूरती से पेश किया। उनकी मालवी रचना ‘में एकलो कई कई करूं ने कठे कठे मरूं, राम जी की मौज है ने छोरा छोरी की फौज है, आलकी ने पालकी जय कन्हैया लाल की, बोलो बांके बिहारी लाल की’ ने श्रोताओं को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया।

दोहा सम्राट के रूप मे प्रसिद्ध कवि पंकज शर्मा तरुण ने आराधना स्वरुप मधुर आवाज मे स्वरचित दोहे सुनाकर दाद बटोरी।

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साहित्यकार भगवतीप्रसाद गेहलोत ने मालवी मे अपनी रचना प्रस्तुत कर सबको प्रभावित किया। कवि पोरवाल मुकेश निडर ने बालाजी की शान मे पंक्तियाँ पढ़ी की –

जिनके प्रताप से आसमाँ झुक जाए,

जिनके प्रताप से रेल भी रुक जाए,

बड़े चमत्कारिक हैं टीलाखेड़ा बालाजी,

आप दर्शन करने से ना चूक जाएँ।

बेटियों को आगाह करते हुवे भी पंक्तियाँ पढ़ी व कुछ मुक्तकों के जरिये समाँ बांधने की कोशिश की।

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साहित्य परिषद के तहसील अध्यक्ष 

माली सुनील राठौर ने गणपति स्तुति के स्वरचित भजन से सबका मन मोह लिया। युवा शायर डॉ. स्वप्निल ओझा ने भी शे’रो, शायरी के जरिये दमदार प्रस्तुति दी ,वरिष्ठ कवि लक्ष्मीनारायण कराड़ा ने निराश्रित नन्ही बेटियों के दर्द को पंक्तियों मे गाकर सबकी आंखे छलका दी।

काव्य निशा संचालन कलाकार और श्रेष्ठ गायक पं. नरेंद्र त्रिवेदी (मंदसौर) ने किया।

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आरंभ मे सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन और पूजा अर्चना के पश्चात अतिथियों का दुपट्टा व शॉल ओढ़ाकर, श्रीफल भेंटकर स्वागत मंदिर समिति के व्यवस्थापक रामलाल राठौर, सचिव ओमप्रकाश गेहलोत, मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रतिनिधि विजय राठौर (भारत आइल मील), समिति के वरिष्ठ सदस्य मानसिंह माच्छोपुरिया, घिसालाल उणियारा, डॉ. बसंत शर्मा, रमेश मालेचा, के अलावा वरिष्ठ समाजसेवी शिवलाल सोलंकी, किशोर उणियारा सहित स्थानीय प्रेस क्लब के अध्यक्ष पं. जगदीश व्यास, आदि ने किया तथा कार्यक्रम के अंत मे आभार मंदिर समिति के सचिव शिक्षाविद श्री ओमप्रकाश गेहलोत ने माना।

कार्यक्रम मे व्यापारी संघ अध्यक्ष कृष्णकुमार भूत, पूर्व अध्यक्ष अनिल मुजावदिया, राजेन्द्र शर्मा, श्रीमती चेतना पोरवाल पार्षद, पोरवाल महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती आशा घाटिया, पूर्व अध्यक्ष श्रीमती चंदा गुप्ता, अर्जुन परिहार, गंगाराम माली, पुजारी श्री पंकज शर्मा व धर्मेद्र शर्मा, मांगीलाल राठौर, भेरूशंकर माली, बलराम भूत, ओमप्रकाश उणियारा, अम्बालाल कारपेंटर, खुशदिल उणियारा, सुनील घाटिया, मुकेश गुप्ता, इन्दर गुर्जर, गोपाल हारोड़, रितिक माली, बड़ी संख्या मे श्रोतागण एवं धर्मप्रेमी बंधु देर रात तक जमे रहे।