Mandsaur News – -संगीत मार्तण्ड पंडित भातखंडे ने संगीत शिक्षा की अतुलनीय सेवा की है – -डॉ बटवाल
(मंदसौर से देवेंद्र भावसार की रिपोर्ट )
मंदसौर । भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपनी साधना , श्रम और ज्ञान से अतुलनीय सेवाएं प्रदान की संगीत मार्तण्ड पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने यह भाव व्यक्त किये जनपरिषद चैप्टर संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल ने ,
आपने बताया कि संगीत शिक्षा पाठ्यक्रम में स्व. भातखंडे की शब्द और स्वर लिपि की नोटेशन सार्थकता के साथ ज्ञानवर्धन कर रही है । पंडित भातखंडे ने संगीत को पहली बार लिपिबद्ध कियाथा ।
आप भारत रत्न लतामंगेशकर संगीत महाविद्यालय मंदसौर में संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश द्वारा मंगलवार शाम नूतन विद्यालय सभागार में आयोजित भातखंडे स्मृति प्रसंग संगीत समारोह के मुख्य अतिथि थे । संगीत स्मृति प्रसंग समारोह की अध्यक्षता लतामंगेशकर संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने की । आपने जानकारी दी कि संगीत मूर्धन्य पंडित भातखंडे ने हिंदी , संस्कृत , मराठी और अंग्रेजी भाषाओं में संगीत सुर रचनाओं का प्रकाशन किया जो आज प्रामाणिकता से उपयोगी होरहा है ।
इस संगीत सभा में इंदौर की प्रख्यात गायिका श्रीमती अनुजा झोकरकर ने सुर संधान करते हुए राग पुरिया धनाश्री में विलंबित खयाल के साथ वन वन जाऊं – -प्रस्तुत की , द्रुत खयाल में पनघट ना जाने ना पाऊं से ख़ूब दाद बटोरी ।
श्रीमती झोकरकर ने राग खमाज में टप्पा प्रस्तुत कर कुमार गंधर्व की बंदिश ओ दिलदारा आजारे – थारी सूरत दिखा जारे गायन किया । एक अन्य प्रस्तुति में आपने झूला बानगी देकर संगीत सभा को ऊंचाई पर पंहुचाया शब्द थे – सियासंग झूले बगिया में राम ललना
अंतरराष्ट्रीय स्तर की गायक कलाकार श्रीमती झोकरकर के कंठ माधुर्य में तान , सुरों के आरोह अवरोह के उतार चढ़ाव के साथ स्वर की खनक और दानेदार प्रस्तुति से एक घंटे तक संगीत सभा में समा बंध गई । देर तक करतल ध्वनि होती रही ।
आपके साथ हारमोनियम पर उम्दा संगत पूणे के कलाकार श्री स्वानंद कुलकर्णी ने , तबले की संगत चपलता से पूणे के युवा कलाकार श्री सागर पटोकार के साथ तानपुरा पर मंदसौर की युवा प्रतिभा सुश्री आयुषी देशमुख ने की ।
श्रीमती अनुजा झोकरकर ने संगीत के मूर्धन्य और वरेण्य विद्वान पंडित विष्णु नारायण भातखंडे पुण्य स्मृति पर्व पर भावपूर्ण शब्दों से स्मरण किया ।
संगीत सभा में ग्वालियर के संगीत शिक्षाविद , पूर्व संगीत महाविद्यालय प्राचार्य , अंतरराष्ट्रीय कलाकार डॉ मुकेश सक्सेना ने उत्कृष्ट दर्जे का तबला वादन प्रस्तुत किया । आपके साथ ग्वालियर के कलाकार श्री मोहम्मद अहमद ने सारंगी वाद्य पर संगत की ।
संगीतज्ञ डॉ सक्सेना ने तबला वादन करते हुए अनुभव के साथ प्रयोगधर्मिता और नवाचारों की उम्दा बानगी सामने रखी , आपने क़ायदा , टुकड़े , पलटे , चक्करदार , द्रुत गति , झपताल आदि प्रस्तुत करते हुए तबले पर उंगलियों की थिरकन से वातावरण गुंजायमान कर दिया ।
संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षाविद डॉ सक्सेना का तबला वादन में यह प्रयोग रुचिकर और ज्ञानवर्धक लगा ।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि जनपरिषद चैप्टर संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ
घनश्याम बटवाल , जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री त्रिवेदी , गायिका श्रीमती अनुजा झोकरकर , प्रभारी प्रिंसिपल श्री दीपक कुमार राव ने सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण किया । दीप प्रज्वलित कर संगीत सभा का शुभारंभ किया ।
कलाकारों डॉ सक्सेना , श्रीमती झोकरकर एवं संगतकारों को शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर अतिथियों ने सम्मानित किया ।
संगीत समारोह संचालन कलाकारों का परिचय देते हुए संगीत प्राध्यापक
डॉ अल्पना रानी गांधी ने किया , आभार माना प्रभारी प्रिंसिपल श्री दीपक कुमार राव ने ।
भातखंडे स्मृति प्रसंग समारोह में गणमान्य जन के साथ डॉ उर्मिला सिंह तोमर , अजय डांगी , सचिन पारिख , योग गुरु बंशीलाल टांक , आकाशवाणी कलाकार ललित बटवाल , श्रीमती चंदा डांगी , शिक्षाविद अजीजुल्लाह ख़ालिद , साहित्य परिषद अध्यक्ष नरेंद्र भावसार , नंदकिशोर राठौड़ , नरेंद्र सिंह राणावत , डॉ क्षितिज पुरोहित , मारवाड़ी युवा संगठन अध्यक्ष दिलीप सेठिया , भारत विकास परिषद अध्यक्ष अजय शर्मा ,चेतन व्यास , विबोध स्कूल प्रिंसिपल श्रुति बटवाल , बी एल परमार विजयलक्ष्मी सांखला ,दिलीप जोशी , निशा कुमावत , म्यूज़िकल आर्टिस्ट आशीष मराठा निशांत शर्मा , अतुल साकेत , सन्नाली शर्मा , रेशमा शर्मा ,रोहित सोनी , राहुल राठौड़ , शम्भूसेन राठौड़ , देवेंद्र भावसार राजमल गंधर्व सहित संगीत प्रेमी , महाविद्यालय के छात्र छात्राओं की बड़ी उपस्थिति रही
बड़े दिनों बाद हुई संगीत सभा मे गणेश चतुर्थी त्यौहार होने के बावजूद देर तक रसिकजनों एवं संगीत महाविद्यालय विद्यार्थियों ने स्तरीय गायन और वादन का भरपूर आनंद लिया ।