Mandsaur News – प्रशासन द्वारा 300 करोड़ मूल्य की मन्दिर भूमि मुक्त कराई – अतिक्रमण हटाये

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Mandsaur News – प्रशासन द्वारा 300 करोड़ मूल्य की मन्दिर भूमि मुक्त कराई – अतिक्रमण हटाये

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मनाने के साथ जिले का राजस्व और पुलिस अमला पुनः सक्रिय होगया है ।
कलेक्टर गौतमसिंह के निर्देश पर अवैध अतिक्रमण , दीवानी मामलों के निराकरण कर कार्यवाही की गई है । मंदसौर सीतामऊ गरोठ मल्हारगढ़ में विभागीय परीक्षण कर कार्यवाही हुई है ।

इसी प्रकार उज्जैन पुलिस आईजी संतोषकुमार सिंह द्वारा कंट्रोल रूम पर पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की विशेष समीक्षा मीटिंग हुई ।

बुधवार को मंदसौर नगर की बेशकीमती कृषि भूमियां राजस्व और पुलिस द्वारा शासन के पक्ष में मुक्त कराई गई । इस भूमि का बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है ।

मंदसौर तहसीलदार मुकेश सोनी द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार रामटेकरी स्थित रामजानकी मंदिर से सम्बद्ध 108 बीघा जमीन में से लगभग 80 से 100 बीघा भूमि को शासन के पक्ष में रिक्त कराया है । अवैध कब्जे , अतिक्रमण भी हटाये गए हैं ।

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इसमें 10 बीघा कर्मचारी कॉलोनी समीप , 70 बीघा के लगभग वात्सल्य स्कूल – डी मार्ट डिपार्टमेंटल स्टोर के पीछे एवं 8 – 10 बीघा रामटेकरी क्षेत्र की है ।

तहसीलदार श्री सोनी ने बताया कि लंबित दीवानी मामले में एसडीएम न्यायालय मंदसौर के निर्णय में यह कार्यवाही की गई है । वर्तमान मंदिर पुजारी नरेंद्र कुमार बैरागी को पद से हटाया गया है ।

अब रिक्त कराई गई कृषि भूमियों पर कलेक्टर का अधिकार होगा । इन कृषि भूमियों को 1 – 1 वर्ष के लिए लीज पर आवंटित की जाएगी । इसके माध्यम से प्राप्त आय से रामजानकी मंदिर जीर्णोद्धार एवं अन्य विकास कार्य होंगे ।
इधर 2013 से मंदिर पुजारी नरेंद्र कुमार बैरागी ने तहसीलदार की कार्यवाही को गलत बताया है , इसके विरुद्ध कलेक्टर न्यायालय में पक्ष रखेंगे । पुजारी श्री बैरागी का कहना है कि मेरे परिवार द्वारा चार पीढ़ियों से मंदिर सेवा पूजा की जारही है ।

यह मंदिर ग्वालियर स्टेट समय से सेवा पूजा के लिए प्रदत्त है ,मंदिर के कारण क्षेत्र का नाम रामटेकरी हुआ है । सन 1995 से कृषि भूमि शासन के अधीन रही , इसके बाद 2013 में मंदिर सेवा दायित्व मिला वर्तमान में लगभग 80 बीघा भूमि निगरानी में है । सतीश मनोहर लाल बैरागी द्वारा स्वयं भू होकर मंदिर भूमि लीज पर दे दी गई ।
मंदसौर नगर सुधार न्यास व अन्य लोगों द्वारा अतिक्रमण है ।

श्री बैरागी के मुताबिक जब मेरे द्वारा कोई गलती नहीं हुई है तब पुजारी पद से हटाने का निर्णय सही नहीं है ।
अतिक्रमण की भूमि व लीज पर आवंटित भूमि को मंदिर को देना चाहिए । इस बारे में कलेक्टर , कमिश्नर एवं राज्य शासन को भी आवेदन दिये गए हैं ।
बुधवार को मंदिर की भूमियों को रिक्त कराकर प्रशासन ने कब्जा किया है ।