Mandsaur Pashupatinath temple- पशुपतिनाथ महादेव का हरियाली अमावस्या पर विशेष श्रृंगार बना आकर्षण का केन्द्र

हजारों श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

1177

 

मंदसौर से डॉ . घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

Mandsaur Pashupatinath temple

मंदसौर (Mandsaur) । श्रावण मास शिव आराधना के लिये विशेष माना गया है । हरियाली अमावस्या का महत्व इसमें और बढ़ जाता है । रविवार होने और अमावस्या अवसर होने से भगवान पशुपतिनाथ (Pashupatinath) महादेव प्रतिमा का अभिषेक , विशेष श्रृंगार मंदिर पुजारियों द्वारा किया गया ।
हरियाली छटा आकर्षक बन पड़ी हजारों श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे ।
साढ़े सात फ़िट ऊंची प्रतिमा के अष्टमुखी शिव विग्रह को पंडित कैलाशचंद्र भट्ट , पंडित सुरेंद्र आचार्य , पंडित राकेश भट्ट आदि ने श्रृंगारित किया । विधि अनुसार भगवान पशुपतिनाथ के भोग , आरती , अभिषेक किया गया ।

Also Read:-Ex Prime Minister Nehru पर लिखी फेसबुक पोस्ट पर IAS officer Under fire

कोरोना गाइडलाइन में वर्तमान में गर्भगृह में प्रवेश वर्जित है । श्रद्धालुओं ने बाहर से दर्शन किये ।
हरियाली अमावस्या पर दान – दक्षिणा का विशेष महत्व बताया गया है । मंदसौर के गौतम नगर कालाखेत निवासी स्व. कस्तूरचंद बरानिया की स्मृति में उनकी पुत्रियों द्वारा मंदिर प्रबंध समिति प्रबंधक राहुल रुनवाल को 1 लाख 51 हजार रुपये की राशि भेंट की गई । प्रबंध समिति की ओर से दानदाताओं का सम्मान किया गया
अमावस्या तिथि के महत्व को प्रतिपादित करते हुए ज्योतिर्विद पंडित राघवेंद्ररवीशराय गौड़ ने बताया कि इस तिथि को सूर्य और चंद्र एकसाथ एक राशी में स्थित रहते हैं ।
स्कन्ध पुराण में उल्लेख मिलता है कि अमावस चन्द्रमा में सभी सोलह कलाओं की शक्तियां विद्यमान रहती हैं । कोई कला क्षीण अथवा उदय नहीं होती । सम्पूर्ण श्रावण मास देवार्चन और शिव आराधना के लिये उत्तम है ।
हरियाली अमावस्या पर्यावरण का महत्व भी प्रमाणित करती है । राशी के जातकों के लिये विशेष प्रजाति के पौधे रोपने का फल बताया है ।
अमावस्या तिथि पितृदेवों के निमित्त भी कही गई है । ऐसे में देवाधिदेव भगवान शिव की आराधना , पूजन अर्चन अभिषेक श्रेष्ठ फलदायी है ।

Also Read:- श्री सांवलिया सेठ का खुला भंडार: निकले 4 करोड़ 90 लाख रुपए

Mandsaur Pashupatinath temple is on the bank of river Shivna
मंदसौर के शिवना नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ प्रतिमा श्रृंगार हरे फलों , सब्जियों , बेल पत्तियों , दूर्वा आदि से मनोहारी ढंग से किया गया ।
नगर और बाहर के महिला पुरूष बड़ी संख्या में दर्शनों को मंदिर पहुंचे ।
यह क्रम प्रातःकाल से अब तक निरन्तर जारी है ।