मंदसौर गौरव दिवस 8 दिसम्बर को होगा – मुख्यमंत्री सम्राट यशोधर्मन प्रतिमा एवं दशपुर संस्कृति ग्रंथ लोकार्पित करेंगे
मंदसौर । प्रदेश में हर शहर हर गांव का गौरव दिवस मनाया जाने की मंशा अनुसार मंदसौर ( प्राचीन दशपुर ) का गौरव दिवस 8 दिसंबर को मनाया जाएगा ।
इस प्रथम गौरव दिवस को लेकर नगरीय क्षेत्र में व्यापक उत्साह है । नगर के चालीस ही वार्डों में इसकी तैयारियां जोरों पर हैं ।
जनप्रतिनिधियों , प्रशासन , नगरपालिका सहित विभिन्न संस्थाओं के सम्मिलित प्रयासों से मंदसौर गौरव दिवस यादगार मनाया जायेगा ।
इतिहास और पुरा महत्व की जानकारियों के साथ नगर के गौरव की प्रतीती कराने वाला दशपुर जनपद संस्कृति ग्रंथ प्रत्येक युग में जनपदों का अपना महत्व रहा है, वे अपने में अपना इतिहास, संस्कृति, परंपरा, लोकाचार को समेटे रहकर अपना गौरव प्रदर्शित कर रहे हैं। इसी प्रकार दशपुर जनपद महाराज रंतिदेव की राजधानी रही, हृदय सम्राट सहस्त्रार्जुन से शासित सम्राट उदयन की चातुर्मास स्थली, कालांतर में महाराजा यशोधर्मन से रक्षित, वर्तमान में मंदसौर के नाम से विख्यात है। इस प्राचीन सुप्रसिद्ध मंदसौर नगर के तत्कालीन बुनियादी प्रशिक्षण संस्थान द्वारा 1962 में ” दशपुर जनपद संस्कृति नामक ग्रंथ प्रकाशित किया था जो वर्तमान में अनुपलब्ध था। दशपुर जनपद का समय परिचय व दिग्दर्शन कराने वाले ग्रंथ की द्वितीय आवृत्ति जिला कलेक्टर श्री गौतम सिंह के मार्गदर्शन में पुनर्मुद्रण कर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य एवं समिति द्वारा प्रस्तुत की गयी, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जायेगा।
मंदसौर की प्राचीनता, संस्कृति, पुरातत्व इतिहास लोकाचार साहित्य, संत व विशेषजनों से परिचय कराने वाला यह ‘दशपुर जनपद संस्कृति का ग्रंथ 6 खण्डों व 2 विशेष स्तंभों में विभाजित किया गया है। लगभग 280 पृष्ठों का यह ग्रन्थ संग्रहणीय है ।
प्रथम खंड इतिहास खंड है जिसमें दशपुर जनपद, दशपुर और ओलिंकर वंश, सम्राट यशोधर्मन और दशपुर, मुगलकालीन मंदसौर मंदसौर और 1857, इंद्रगढ़ और धर्मराजेश्वर जैसे स्थान व घटनाओं का विवरण प्रस्तुत करते हुए सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल भादवामाता, जीरण का इतिहास, नीमच, मुगल मराठा संघर्ष में मंदसौर आदि से परिचय कराया गया है।
द्वितीय खंड जनश्रुति खंड है जिसमें दशपुर की स्वाभिमानी दशोरा जाति व तत्कालीन मंदसौर जिले के पोला डूंगर, सुखानंद, शामगढ, आंतरी माता, मोड़ी के भग्नावशेष, अफजलपुर ग्राम बूढ़ा से अवगत कराया गया है।
तृतीय खंड साहित्य खंड है। जिसमें जैन साहित्य, कालिदास और वत्सभत्तिका का दशपुर, जैन आचार्य समन्तभद्र और दशपुर के साहित्य से परिचय कराया गया है।
चतुर्थ खंड पुरातत्व खंड है, जिसमें प्राचीन सिक्कों, सौंधनी जयस्तंभ का शिलालेख, बसेड़ा के मंदिर, यशवंतराव होलकर बहादुर की छत्री, अर्धनारीश्वर प्रतिमा व मंदसौर के भित्ति चित्रों से परिचय कराया गया है।
पंचम खंड जन भाषा खंड है, जिसमें जिले की द्राविड़ी भाषा, भील बोली, मातृभाषा जावदी और दशपुरी मालवी की विशेषताओं को संजोया गया है।
षष्ठ खण्ड लोक संस्कृति खण्ड में क्रांतिदूत, साहित्यकार, समाजसेवियों के कृतित्व व व्यक्तित्व से अवगत कराया गया है।
इस ग्रंथ के पोथियों शीर्षक में रामस्नेही संप्रदाय की हस्तलिखित पोथियों, नटनागर शोध संस्थान सीतामऊ ,रघुबीर पुस्तकालय व दशपुर जनपद के लोकगीतों का विवरण दिया गया है।
विविध खंड में दशपुर और राजस्थान का संबंध मालवा की पहेलियां, संझा गीत, करुण गीत, लोकनाट्य, लोकहास्य, संत विभूतियों, दशपुर के शिलालेख एवं उनकी लिपियों, बालकथाओं, प्राण वल्लभाएँ, सहकारिता, कुलवधुएँ, मेले व प्राचीन – नवीन उद्योग धंधों के बारे में जानकारी प्रदान की है। ग्रंथ में जगह – जगह उपलब्ध चित्र दर्शाए गए हैं। इस प्रकार यह ग्रंथ जिज्ञासुओं, शोधार्थियों, पुरातत्ववेत्ता, इतिहासज्ञों, साहित्यकारों, लोकाचारों की जानकारी प्राप्त करने वाले के लिए उपयुक्त ग्रंथ है। हर शाला महाविद्यालय, पुस्तकालय, विद्यार्थियों के लिए संग्रहणीय ग्रंथ है। मंदसौर का गौरव जानना, इस पुस्तक को पढ़े बिना अधूरा रहेगा।
संदर्भों एवं शोधकर्ताओं के लिए यह ग्रंथ बहुउपयोगी है । 280 पृष्ठ के प्राचीन दशपुर से जुड़े इस ग्रंथ को पुन: प्रकाशित किया गया है ।
8 दिसम्बर को मंदसौर का प्रथम गौरव दिवस मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सादरत में मनाया जाने की व्यापक तैयारी की गई हैं ।
इस अवसर पर नगर के फिल्मकार प्रदीप शर्मा के निर्देशन में बनी फ़िल्म
यशोधर्मा – दी ग्रेट वॉरियर का प्रथम प्रीमियर प्रदर्शन होगा ।
इस फ़िल्म की अधिकांश शूटिंग मंदसौर एवं आसपास हुई है तथा अधिकांश कलाकार भी स्थानीय हैं ।
एक घंटा 50 मिनट की इस फ़िल्म के प्रति भी खासी उत्सुकता लोगों में है ।
जिले के मंत्री जगदीश देवड़ा , हरदीपसिंह डंग , सांसद सुधीर गुप्ता विधायक यशपालसिंह सिसोदिया , नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर , उपाध्यक्ष नम्रता चावला , गौरव महोत्सव समिति सभापति भारती पाटीदार , हुडको डायरेक्टर बंशीलाल गुर्जर , रेडक्रॉस चैयरमैन प्रितेश चावला , सीएमओ
प्रेमकुमार सुमन सहित पार्षदों , नगरपालिका परिषद अधिकारी , कर्मचारियों , स्वयं सेवी संगठन , सामाजिक संस्थाओं द्वारा 4 नवम्बर से विभिन्न गतिविधियों को महोत्सव रूप में आयोजित किया जारहा है ।
समापन 8 दिसंबर को होगा ।
12 फ़िट ऊंचाई की विशाल प्रतिमा
सम्राट यशोधर्मन की तेलिया तालाब तट पर लगाई है , जिसका अनावरण मुख्यमंत्री श्री चौहान के करकमलों से होना तय हुआ है ।
मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व नगर में गौरव दिवस शोभायात्रा निकाली जाएगी । विद्युत सज्जा , आतिशबाजी और नृत्यों के साथ चल समारोह में हजारों की उपस्थिति होगी ।
मुख्यमंत्री के मंदसौर आगमन को लेकर विभिन्न योजनाओं , निर्माण एवं विकास कार्यों के लोकार्पण और हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने की तैयारियां भी प्रशासनिक स्तरपर है