‘गर्व और आत्मविश्वास’ संग ‘मन की बात’…

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‘गर्व और आत्मविश्वास’ संग ‘मन की बात’…

कौशल किशोर चतुर्वेदी
साल 2025 के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के जरिए गर्व और आत्मविश्वास के पलों को सहेजने की एक सफल कोशिश की है। मन की इस बात में जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी और मणिपुर से कच्छ के रण तक सब कुछ समेटने की कोशिश की गई।
मातृभाषा हिंदी के साथ तमिल और कन्नड़ की बात करना मोदी के राजनैतिक विजन की ही बात है। तो साल की आखिरी मन की बात के जरिए मोदी ने सालभर की उपलब्धियों को समेटते हुए नए साल 2026 में भी नई उम्मीदों के संग आगे बढ़ने का संकल्प जताया। ‘मन की बात’ का यह 129वां एपिसोड था।
मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत का प्रभाव हर क्षेत्र में स्पष्ट रूप से उभरा। आस्था, संस्कृति और भारत की विशिष्ट विरासत दिखी। उन्होंने ‘आपरेशन सिंदूर’ को गर्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि दुनिया ने देखा कि आज का भारत सुरक्षा से समझौता नहीं करता। आपरेशन के दौरान देश के हर कोने से ‘मां भारती’ के प्रति प्रेम, समर्पण एवं एकजुटता की भावनाएं सामने आईं।
पीएम मोदी ने बताया कि जम्मू कश्मीर के बारामूला में जेहानपोरा में पुरात्वविदों ने यहां के छोटे टीलों पर ध्यान दिया। इसके बाद इन टीलों का वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किया। ड्रोन और जमीन की मैपिंग की गई। पता चला कि ये टीले प्राकृतिक नहीं हैं, बल्कि किसी पुरानी इमारत के अवशेष हैं। इसके बाद फ्रांस के एक म्यूजियम के आर्काइव में धुंधला सा चित्र मिला, जिनमें बौद्ध धर्म के स्तूप नजर आ रहे थे। कश्मीर के जेहानपोरा का यह परिसर हमें याद दिलाता है कि कश्मीर का अतीत क्या था और उसकी पहचान कितनी समृद्ध थी।
मन की बात में बताया गया कि फिजी में भारतीय भाषा और संस्कृति के प्रसार के लिए एक सराहनीय पहल हो रही है। वहां की पीढ़ी को तमिल भाषा से जोड़ने के लिए स्कूल में तमिल दिवस मनाया गया। वहां बच्चों ने तमिल में कविताएं सुनाईं और प्रस्तुतियां दीं। हमारे देश में तमिल भाषा के प्रचार के लिए लगातार काम हो रहा है। हाल ही में काशी में चौथा काशी तमिल संगमम का आयोजन हुआ। इस साल काशी तमिल संगमम में तमिल भाषा सीखने पर खासा जोर दिया गया। इस दौरान काशी के 50 से ज्यादा स्कूलों में विशेष अभियान भी चलाया गया। मुझे खुशी है कि आज देश के दूसरे हिस्सों में भी बच्चों और युवाओं के बीच तमिल भाषा को लेकर नया आकर्षण दिख रहा है – यही भाषा की ताकत है, यही भारत की एकता है। दुबई में रहने वाले भारतीयों द्वारा शुरू की गई ‘कन्नड़ पाठशाला’ की मोदी ने प्रशंसा की और बताया कि इस पहल से बच्चे अपनी मातृभाषा से जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मातृभाषा हिंदी है, लेकिन तमिल भाषा के प्रति प्रेम ने उन्हें तमिल सीखने के लिए प्रेरित किया।
मणिपुर के चुराचांदपुर में मारग्रेट रामथरसेम जी के प्रयास की चर्चा हुई। उन्होंने मणिपुर के पारंपरिक उत्पादों को, वहाँ के हैंडीक्राफ्ट को, बांस और लकड़ी से बनी चीजों को, एक बड़े विजन के साथ देखा और इसी विजन के कारण, वो एक हैंडीक्रफ्ट से लोगों के जीवन को बदलने का माध्यम बन गईं। आज मारग्रेट जी की यूनिट उसमें 50 से ज्यादा कलाकार काम कर रहे हैं और उन्होंने अपनी मेहनत से दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में, अपने उत्पादों का एक बाजार भी विकसित किया है। मणिपुर से ही एक और उदाहरण सेनापति जिले की रहने वाली चोखोने क्रिचेना जी का है। उनका पूरा परिवार परंपरागत खेती से जुड़ा रहा है। क्रिचेना ने इस पारंपरिक अनुभव को एक और विस्तार दिया। उन्होंने फूलों की खेती को अपना जुनून बनाया।
इन दिनों कच्छ के रण में उत्सव चल रहा है | इस साल कच्छ रणोत्सव का ये आयोजन 23 नवंबर से शुरु हुआ है, जो 20 फरवरी तक चलेगा। यहां कच्छ की लोक संस्कृति, लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प की विविधता दिखाई देती है। तो बात कच्छ के रण तक भी पहुंच गई। मोदी ने बताया कि कच्छ के सफेद रण की भव्यता देखना अपने आप में एक सुखद अनुभव है। रात के समय जब सफेद रण के ऊपर चाँदनी फैलती है, वहां का दृश्य अपने आप में मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। रण उत्सव का टेंट सिटी बहुत लोकप्रिय है | मुझे जानकारी मिली है कि पिछले एक महीने में अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग रणोत्सव का हिस्सा बन चुके हैं और देश के कोने-कोने से आए हैं, विदेश से भी लोग आए हैं।
तो मोदी ने बताया कि 2025 ने ऐसे कई पल दिए, जिस पर हर भारतीय को गर्व हुआ। भारत ने हर जगह अपनी मजबूत छाप छोड़ी। इस साल ऑपरेशन सिंदूर हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बन गया। दुनिया ने देखा आज का भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता। लोगों ने अपने-अपने तरीके से अपने भाव व्यक्त किए। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर भी यही जज्बा देखने को मिला।
मोदी ने 2025 को खेलों के लिहाज से भी ऐतिहासिक बताया और कहा कि पुरुष क्रिकेट टीम ने आइसीसी चैंपियंस ट्राफी जीती, जबकि महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार विश्व कप जीतकर इतिहास रचा। महिला ब्लाइंड टी-20 विश्व कप में भारत की बेटियों की जीत, एशिया कप टी-20 में शानदार प्रदर्शन और पैरा-एथलीटों द्वारा विश्व चैंपियनशिप में जीते गए पदकों ने देश को गौरवान्वित किया। विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी भारत ने बड़ी छलांग लगाई। प्रधानमंत्री ने बताया कि शुभ्रांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2026 में भी हम नई उम्मीदों और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। दुनिया आज भारत को उम्मीदों से देख रही है और इसकी सबसे बड़ी ताकत भारत की युवा शक्ति है, जो नवाचार और तकनीकी विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। मोदी ने विश्वभर में भारतीय संस्कृति और भाषाओं के प्रचार की सराहना करते हुए उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाली भावना को विशेष रूप से रेखांकित किया।
मन की बात में बताया गया कि भारत में चीतों की संख्या भी बढ़ रही है। आस्था, संस्कृति की विरासत एक साथ दिखाई दी। इस साल प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन ने पूरी दुनिया को चकित किया। स्वदेशी को लेकर भी लोगों का उत्साह खूब दिखाई दिया। लोग वहीं सामान खरीद रहे हैं, जिसमें भारतीय का पसीना लगा हो। हम गर्व से कह सकते हैं कि 2025 ने देश को नया आत्मविश्वास दिया है। अब 2026 में देश नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
तो एंटीबायोटिक के नुकसान से चेताते हुए मोदी ने फिटनेस मंत्र भी दे दिया। उन्होंने कहा कि साल 2026 इस संकल्प सिद्धि की यात्रा में एक अहम पड़ाव साबित हो, आपका और आपके परिवार का जीवन खुशहाल हो, इसी कामना के साथ इस एपिसोड में विदाई लेने से पहले मैं जरूर कहूँगा, ‘ फिट इंडिया मूवमेंट’ के साथ आपको भी फिट रहना है। ठंडी का ये मौसम व्यायाम के लिए बहुत उपयुक्त होता है, व्यायाम जरूर करें। तो वास्तव में ‘गर्व और आत्मविश्वास’ संग ‘मन की बात’ की यह चर्चा उपलब्धियों और उम्मीदों भरी मानी जा सकती है…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।