Many British Laws Changed : देशद्रोह कानून अब खत्म, गैंगरेप पर फांसी की सजा!
New Delhi : भारतीय दंड संहिता (IPC) को भारतीय न्याय संहिता (BNS) में तब्दील किया जाएगा। अपराध प्रक्रिया संहिता (CrPC) को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारत साक्ष्य अधिनियम (IAA) को भारतीय साक्ष्य (BS) कर दिया जाएगा। तीनों बिलों अब समीक्षा के लिए स्थाई समिति को भेजा गया है। अमित शाह ने कहा कि हम इन कानूनों को खत्म करने जा रहें हैं। ये कानून अंग्रेजों द्वारा लाए गए थे।
CrPC में 160 धाराओं को बदल दिया गया है। अब इसमें 533 धाराएं बचेंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई है, 9 को हटाया गया। इसी तरह IPC में पहले 511 धाराएं थीं, अब 356 धाराएं होंगी। 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 को खत्म कर दिया गया। साक्ष्य अधिनियम में पहले 167 धाराएं थीं। अब 170 धाराएं होंगी। 23 में बदलाव हुआ है। एक नई धारा जुड़ गई है। 5 को खत्म कर दिया गया।
भारतीय दंड संहिता में 13 बदलाव
रेप केस में पहले न्यूनतम सजा सात साल थी, अब इसे तीन साल बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है। नाबालिग के साथ रेप के दोषी को न्यूनतम 20 साल की कठोर सजा होगी। अधिकतम सजा उम्र कैद है, जुर्माना भी लगेगा। नाबालिग के साथ यदि एक से अधिक लोग रेप करते हैं तो मौत की सजा दी जाएगी। जुर्माने का भी प्रावधान है। रेप की शिकार लड़की या महिला की पहचान को गुप्त रखने के लिए नया कानून बनाया गया है। इसक उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। शादी का झूठा वादा कर यदि कोई महिला के साथ यौन संबंध बनाता है, तो इसे रेप माना जाएगा। 10 साल के लिए जेल और जुर्माना लग सकता है।
पुरुष यौन उत्पीड़न अपराध नहीं
अप्राकृतिक यौन संबंध की धारा 377 हटा दी गई। अब पुरुषों को यौन उत्पीड़न से बचाने का कोई नियम नहीं बचा। मतलब पुरुषों के खिलाफ किसी ने आप्रकृतिक यौन अपराध का आरोप लगाया तो कोई सजा का प्रावधान नहीं है। जबकि, बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए नया अध्याय लिखा गया है। इसमें परित्याग, बाल तस्करी आदि शामिल हैं। यदि किसी की मौत के मामले में किसी की लापरवाही उजागर होती है तो ऐसे केस में सजा को सात साल कर दिया गया है। पहले दो साल की सजा का प्रावधान था। संगठित अपराध के लिए नया कानून बनाया गया है। संगठित अपराध में यदि किसी की मौत होती है तो मृत्युदंड मिलेगा।
आतंकी को मौत की सजा
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नया कानून बनाया गया है। अब आतंकी को मौत की सजा दी जाएगी। जबकि, देशद्रोह कानून की धारा 124 (A) को हटाकर इसकी जगह अब धारा 150 कर दिया गया है। इस कानून में भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता का जिक्र है। इसमें सजा तीन साल से बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है।
भड़काऊ भाषण अब अपराध
मॉब लिंचिंग अपराध को अब हत्या की परिभाषा में जोड़ दिया गया है। 5 या 5 से अधिक लोगों का एक समूह जब नस्ल, जाति, समुदाय या अन्य किसी आधार पर हत्या करता है तो मौत की सजा दी जाएगी। इसमें न्यूनतम सजा 7 साल की है। जुर्माना भी लगेगा। धार्मिक भड़काऊ भाषण या हेट स्पीच अब अपराध है। इसके तहत तीन से 5 साल की सजा का प्रावधान है।