चुनाव के बीच प्रेक्षकों की डिमांड से परेशान है कई कलेक्टर, एक प्रेक्षक को हटाया

मुरैना में 15 साल पहले भी जब ऑब्जर्वर को हटाया गया था

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चुनाव के बीच प्रेक्षकों की डिमांड से परेशान है कई कलेक्टर, एक प्रेक्षक को हटाया

 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैनात किए गए प्रेक्षकों की डिमांड से कलेक्टर इन दिनों काफी परेशान हैं। जो मांग वे कर रहे हैं उनकी पूर्ति करना स्थानीय अधिकारियों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। ये ऑब्जर्वर विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ आईएएस और आईआरएस अधिकारी हैं। जो बाहर के राज्यों से चुनाव में आब्जर्वर के रूप में तैनात किए गए हैं लेकिन वह अपने काम का अंजाम देने की बजाय जिला निर्वाचन अधिकारियों से अलग-अलग तरह की मांग कर रहे हैं। एक आब्जर्वर ने तो ब्रांडेड शराब तक की डिमांड कर डाली है जो कि उसे इलाके में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर परेशान हो रहे हैं।

हालांकि इसी बीच निर्वाचन आयोग ने सिवनी मालवा होशंगाबाद के आईएएस अधिकारी ऑब्जर्वर को हटा दिया है और उनकी जगह है दूसरे आईएएस अधिकारी को तैनात किया है।

 

*मुरैना में 15 साल पहले जब ऑब्जर्वर को हटाया गया था*

बता दे कि अब से कोई 15 साल पहले वर्ष 2008 में नवंबर माह में विधानसभा चुनाव हुए थे तब मुरैना जिले में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ऑब्जर्वर को भारत निर्वाचन आयोग ने तत्काल हटा दिया था। भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1981 बैच के अधिकारी हरबक्ष सिंह मुरैना जिले के में आब्जर्वर नियुक्त किए गए थे। बताया गया है कि उस वक्त उन्होंने रेस्ट हाउस में ऐसी हरकतें की और ऐसी मांग रखी जिसकी पूर्ति करना स्थानीय अधिकारियों के लिए संभव नहीं हो पा रहा था। इसके लिए ऑब्जर्वर महोदय ने स्थानीय अधिकारियों से बदतमीजी तक की। इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को मिलने पर, उन्हें रातों-रात हटाया गया था।

इतना ही नहीं कलेक्टर को कहा गया कि वे रात में ही उन्हें रवाना करें ।

 

मुरैना के तत्कालीन कलेक्टर एम के अग्रवाल हालांकि अब उस घटना को याद नहीं करना चाहते लेकिन इतना जरूर बताते हैं कि उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के पालन में उसी रात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ऑब्जर्वर को मुरैना जिले की सीमा से बाहर कर आगरा भिजवा दिया था।