Many Flaws in MTH : कमिश्नर को आज एमटीएच अस्पताल में ढेरों खामियां मिली, उप अधीक्षक को हटाया!

13 जुलाई के बाद बच्चों को दूध देना ही बंद, नदारद डॉक्टरों को नोटिस, सफाई कंपनी को फटकार!

427

Many Flaws in MTH : कमिश्नर को आज एमटीएच अस्पताल में ढेरों खामियां मिली, उप अधीक्षक को हटाया!

 Indore : नवागत कमिश्नर मालसिंह भयड़िया ने आज एमटीएच अस्पताल का दो घंटे तक दौरा किया। उन्होंने एक-एक विभाग के दस्तावेजों और वहां की व्यवस्थाओं को देखा। हर विभाग में खामियां पाने पर उन्होंने जिम्मेदारों को नोटिस देने के निर्देश दिए। अस्पताल की उप अधीक्षक डॉ अनुपमा दवे को हटाने के निर्देश दिए। मिल्क बैंक का रजिस्टर भी देखा। इस दौरान पता चला की 13 जुलाई के बाद किसी भी बच्चे को दूध नहीं दिया गया। क्योंकि, तब दो नवजात बच्चों की मौत के बाद काफी हंगामा हुआ था तो अस्पताल ने उसके बाद दूध देना ही बंद कर दिया।

कमिश्नर सुबह 9 बजे ही एमटीएच अस्पताल पहंचे। सबसे पहले उन्होंने ओपीडी कक्ष का निरीक्षण किया। वहां पर डॉक्टर और स्टाफ मौजूद नहीं मिले। पैथोलॉजी लैब के इंचार्ज डॉ अनुपमा दिघे भी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थी। माइक्रोबायोलाजी लैब का निरीक्षण करते हुए खामियां पाई गई। यहां ड्यूटी चार्ट लगाने, सिस्टम सुधारने का कहा। डॉ अंजू महोरा और डॉ नेहा भी 10 बजे उपस्थित नहीं थी। बायोकेमिस्ट्री रजिस्टर चेक किया। सैंपल देने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। घंटो सैंपल नहीं भेजे जा रहे, जबकि नियमानुसार हर आधे घंटे में संबंधितों तक सैंपल भेजना होता है।

कमिश्नर ने आयुष्मान ऑफिस के निरीक्षण के दौरान रजिस्टर और कम्प्यूटर से जानकारी निकाली तो 1400 के पेंडिंग होने की बात सामने आई। उन्होंने सोनोग्राफी सिस्टम की बारीकी से पूछताछ की। गलत जानकारी देने पर कम्प्यूटर ऑपरेटर को डांट लगाई। पैथोलॉजी लैब में टूटी हुई कुर्सियां मिली उन्हें हटाने को कहा। सैंपलों की अपूर्ण जानकारी पर कार्यवाही करने को कहा। जननी सुरक्षा योजना की जानकारी के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर प्रभारी पर कार्यवाही करने को कहा। डिलीवरी के बाद मिलने वाली राशि के बारे में उन्होंने पाया कि पोर्टल पर एंट्री नहीं की गई।

उन्होंने जनरल वार्ड में भर्ती मरीजो के नाश्ते और भोजन के बारे में जानकारी ली। कुछ शिकायतें मिलने पर उन्होंने दुरूस्त करने के निर्देश दिए। स्टोर रूम प्रभारी डॉ सुनीता द्वारा दवाइयों की जानकारी नहीं देने व उपयोगिता का हिसाब नहीं देने पर उन पर कार्यवाही के निर्देश दिए। डॉक्टर कक्ष में कागज फाइलें मिलने पर उन्हें हटाने को कहा। लैब में ताले ही लगे हुए है। परिवार नियोजन विभाग में डॉक्टर नहीं थे। कमिश्नर ने अस्पताल का सघन दौरा किया। उन्होंने सभी खामियां शीघ्र ठीक करने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के दौरान डीन डॉ. संजय दीक्षित व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

उप अधीक्षक को हटाया
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित द्वारा बताया गया कि कमिश्नर के निर्देशों के परिपालन में प्राध्यापक स्त्री रोग डॉ अनुपमा दवे के स्थान पर सह-प्राध्यापक स्त्री रोग डॉ हेमलता झरबड़े को महाराजा तुकोजीराव चिकित्सालय का उप अधीक्षक तत्काल प्रभाव से नियुक्त कर दिया गया है।

इन डॉक्टरों को नोटिस
अस्पताल निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों की अनुपस्थित और सही जानकारी नहीं देने पर डॉ रिया, डॉ पारूल चौरसिया, डॉ अनुपम डीके, डॉ नेहा, डॉ अंजू माहोरे, डॉ अमित, डॉ सुनीता देची तथा डॉ दीपक तिवारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

पानी की व्यवस्था सबसे लचर
कमिश्नर ने अस्पताल निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था बहुत ही खराब पाई। हर मंजिल के शौचालय गंदे थे, वही नल-फर्सियां टूटी हालत में थी। दीवारों और शौचालय में गंदगी पसरी हुई थी। सफाई कंपनी के इंचार्ज अमित को उन्होंने डांट लगाते हुए कहा कि ऐसी गंदगी से मरीजो को परेशानी होती है व्यवस्था नहीं सुधारी तो कंपनी पर कार्यवाही की जाएगी। पीने के पानी की व्यवस्था भी गड़बड़ाई हुई मिली। अस्पताल अधीक्षक इस बारे में ठीक से जानकारी नहीं दे सके। मरीजों को अपने स्तर पर ही पीने के पानी की व्यवस्था करने की जानकारी भी मिली। कमिश्नर ने तीन दिन में दोनों व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए।

व्यवस्था देखने रात को भी आऊंगा
कमिश्नर ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी मरीज को परेशानी नहीं होना चाहिए। शासन द्वारा जो सुविधाएं दी जा रही है वो सब मरीजों को मिलना चाहिए। प्रबंधन ये न समझे कि मैं आज आ गया हूँ तो अब नहीं आउंगा। ध्यान रहे मैं एक-दो दिन बाद कभी भी दिन में या रात में भी अस्पताल में आ सकता हूं। जो अव्यवस्थाएं और खामियां आज मिली है उन्हे शीघ्र दुरूस्त करें। मैनेजमेंट सुधारे अगली बार आऊंगा तो सुधार दिखना चाहिए नहीं तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।