स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में किए कई नए बदलाव, अब 7500 की बजाय 9500 अंकों का होगा सर्वे

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विपिन नीमा की खास रिपोर्ट

इंदौर। भारत सरकार के सबसे बड़े अभियान स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में कौन सा शहर बाजी मारेगा इसका फैसला अगले माह अगस्त में हो जाएंगा। देशभर के शहरों की स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की रिपोर्ट अगस्त महीने में जारी होगी ।
इस वर्ष जिस तरह से शहर में साफ-सफाई के सिस्टम को अपडेट किया गया है, उसे देखते हुए फिर से इंदौर नगर निगम स्वच्छता का सिक्सर लगाएंगा।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के परिणाम जारी नहीं हुए और केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए नई गाइड लाइन जारी कर दी है। नई गाइड लाइन में काफी बदलाव किए गए है। नई गाइड लाइन के मुताबिक 2023 का सर्वे 7500 की बजाय 9500 अंकों का होगा।

इंदौर को पछाड़ पाना ख्वाब जैसा
शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और साफ-सफाई में बेहतर सुधार हुआ है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मध्यप्रदेश के टॉप-20 शहरों में चार महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर शामिल थे। हालांकि, सीवेज, पॉलिथीन का उपयोग और खुले में कचरा फेंकने जैसी समस्याओं के कारण इन शहरों का इंदौर को पछाड़ पाना ख्वाब जैसा ही माना जा रहा है।

जनता को सीधे जोड़ा जाएंगा
दस्तावेज एवं फीडबैक के अंक घटाए हैं, लेकिन सर्विस लेवल पर मूल्यांकन के अंक 48 फीसद कर दिए गए हैं। जनता को सीधे जोडने के लिए इस बार मैदानी स्तर पर नवाचारों को अधिक महत्व दिया गया।

सर्वेक्षण तीन की बजाय चार राउंड का
इस बार यह सर्वेक्षण तीन की बजाय चार राउंड का रखा है। 7500 के स्थान पर 9500 अंकों का होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण की थीम कचरे से समृद्धि है। ऐसे में थ्री आर यानी रिसाइकल, रियूज व रिडयूस के सिद्धांत पर काम करते हुए कचरे से शहर की समृद्धि पर फोकस करना ही इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य है।
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इंदौर ; 5 साल 5 अवार्ड
2017 – पहली रैंक
2018 – डबल रैंक
2019 – हैट्रिक लगाई
2020 – चौका मारा
2021 – पंच लगाया
2022 – अब लगाएंगे सिक्सर
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ऐसे होगा 9500 अंकों का बंटवारा
– सर्विस आधारित प्रोग्रेस 3000 की जगह 4525 अंक
– सर्टिफिकेशन पर 2250 की जगह 2500 अंक
– सिटीजन फीडबैक पर 2250 की जगह 2475 अंकों की व्यवस्था की गयी है।

पान गुटखा के निशान मंहगे पड़ सकते है
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा, पान, को यहां-वहां थूकने का भी आकलन इस बार सर्वे टीम करेगी। सर्वे टीम को कहीं भी दीवारों पर गुटखा, पान के निशान मिले वह उसकी फोटो ले लेगी। इससे नुकसान यह होगा की यहां-वहां थूकने की तस्वीर से शहर की रैंकिंग गिरने की स्थिति बन सकती है।