श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर में पूजन-अर्चन हेतु अनेक ऑनलाइन सुविधाएं, दूरस्थ श्रद्धालुओं के लिए “ई-आराधना” बनी वरदान

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श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर में पूजन-अर्चन हेतु अनेक ऑनलाइन सुविधाएं, दूरस्थ श्रद्धालुओं के लिए “ई-आराधना” बनी वरदान

प्रशासन की ऑनलाइन व्यवस्थाओं की श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही है सराहना

खंडवा: देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में जलाभिषेक और पूजन करना हर भक्त की आत्मिक आस्था से जुड़ा होता है। कई बार पारिवारिक, सामाजिक या व्यावसायिक कारणों से श्रद्धालु स्वयं मंदिर उपस्थित नहीं हो पाते, ऐसे श्रद्धालुओं के लिए ओंकारेश्वर मंदिर प्रशासन द्वारा शुरू की गई “ई-आराधना” सुविधा एक अत्यंत सराहनीय पहल बनकर उभरी है।

राजस्थान के कोटा निवासी श्री नरेंद्र गोयल ने “ई-आराधना” का अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने ओंकारेश्वर मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से जलाभिषेक की ऑनलाइन बुकिंग की। निर्धारित समय पर ऑनलाइन माध्यम से उन्होंने पूजन-अर्चन में भाग लिया और पूजा के उपरांत भगवान ओंकारेश्वर का प्रसाद स्पीड पोस्ट से उनके घर तक पहुंचाया गया। श्री गोयल ने इसे “संतोषजनक और आस्था से परिपूर्ण अनुभव” बताया और देश-विदेश के श्रद्धालुओं से इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की।

कैसे लें “ई-आराधना” का लाभ?

खंडवा कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने जानकारी दी कि ओंकारेश्वर मंदिर की वेबसाइट www.shriomkareshwar.org पर महामृत्युंजय जाप, पार्थेश्वर पूजन, पंचामृत अभिषेक, नर्मदा आरती, नर्मदा पूजन तथा जलाभिषेक आदि पूजन सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। वेबसाइट पर जाकर श्रद्धालु तिथि व समय का चयन कर सकते हैं। निर्धारित समय पर भक्तजन वीडियो लिंक के माध्यम से लाइव पूजा में शामिल हो सकते हैं। पूजन संपन्न होने के पश्चात प्रसाद को स्पीड पोस्ट के माध्यम से श्रद्धालु के पते पर भेजा जाता है।

आधुनिक तकनीक और परंपरा का संगम

यह सेवा उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष उपयोगी सिद्ध हो रही है जो भौगोलिक दूरी या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ओंकारेश्वर नहीं पहुँच सकते। इस पहल से आस्था और तकनीक का सुंदर संगम हुआ है, जो अन्य तीर्थ स्थलों के लिए भी अनुकरणीय बन सकता है।