
बीजापुर में माओवादियों की बर्बरता: तीन ग्रामीणों की हत्या, दर्जन भर का अपहरण
बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के पेद्दाकोरमा गांव में माओवादियों ने मंगलवार शाम एक छात्र समेत तीन ग्रामीणों—झींगु मोडियम, सोमा मोड़ियम और अनिल माड़वी—की गला घोंटकर हत्या कर दी। इनमें झींगु और सोमा, हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाले आठ लाख के इनामी माओवादी कमांडर दिनेश मोड़ियम के रिश्तेदार थे। घटना के दौरान माओवादियों ने गांव के सात अन्य ग्रामीणों के साथ बेरहमी से मारपीट की और दर्जन भर ग्रामीणों का अपहरण कर अपने साथ जंगल की ओर ले गए। इस वारदात के पीछे दिनेश की जगह एरिया कमांडर बने वेल्ला और उसकी टीम का हाथ बताया जा रहा है।
राज्य गठन के बाद से बस्तर में 1700 से ज्यादा निर्दोष ग्रामीणों की माओवादी इसी तरह हत्या कर चुके हैं। बस्तर आईजीपी सुंदरराज पी. के मुताबिक, मार्च 2026 तक माओवादियों के समूल सफाए का अभियान तेज़ी से चल रहा है। सुरक्षा बलों के नए ऑपरेशन शिविरों और विकास कार्यों से माओवादियों का वर्चस्व लगातार घट रहा है, जिससे बौखलाए नक्सली अब ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं।

*पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई व रणनीति:*
1. त्वरित पुलिस कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी जितेंद्र यादव के निर्देशन में पुलिस टीम गांव भेजी गई और इलाके में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है, ताकि अपहृत ग्रामीणों को सुरक्षित छुड़ाया जा सके।
2. लगातार ऑपरेशन:
बीते महीनों में सुरक्षा बलों ने कई सफल ऑपरेशन चलाए हैं—मई 2025 में ऑपरेशन संकल्प के तहत 22 माओवादी मारे गए। डीआरजी, कोबरा, सीआरपीएफ और एसटीएफ की टीमें लगातार जंगलों में सर्चिंग कर रही हैं।
3. जीरो टॉलरेंस नीति:
राज्य और केंद्र सरकार ने माओवादियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। आत्मसमर्पण करने वालों के पुनर्वास के साथ, हिंसा में लिप्त नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है।
4. ग्रामीणों की सुरक्षा और विकास:
नए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) खोलकर गांव-गांव तक पुलिस की पहुंच बढ़ाई जा रही है। सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र जैसे विकास कार्य तेज़ किए जा रहे हैं ताकि माओवादियों का प्रभाव कम हो।
5. शीर्ष अधिकारियों की निगरानी:
बस्तर आईजीपी सुंदरराज पी. और दिल्ली से सीआरपीएफ डीजी समेत वरिष्ठ अधिकारी ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
*निष्कर्ष:*
पुलिस और सुरक्षा बलों ने बीजापुर की घटना के बाद त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। लगातार ऑपरेशन, ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा, और माओवादियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के जरिए प्रशासन माओवादी आतंक को जड़ से खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहा है।





