
Marathi Drama on stage of ‘Sanand’ : ‘सानंद’ के मंच पर वसंत कानेटकर के नाटक ‘सूर्याची पिल्ले’ नाटक का मंचन 11 से 13 जुलाई तक!
Indore : सानंद न्यास के पांच दर्शक समूहों के लिए माईलस्टोन नाटक ‘सूर्याची पिल्ले’ का मंचन लगातार तीन दिन 11-12 और 13 जुलाई को स्थानीय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह, खंडवा रोड में होगा। इस बारे में ‘सानंद’ न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे एवं मानद सचिव संजीव वावीकर ने बताया कि मराठी रंगभूमि के सुनहरे दिन जिन प्रमुख लेखको ने समृद्ध किए उनमें वसंत कानेटकर का नाम सम्मान से लिया जाता है।
महाराष्ट्र में उनका जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। उनके द्वारा लिखित नाटकों में प्रमुखता से हिमालयाची सावली, वेड्याचं घर उन्हात, विषवृक्षाची छाया, रायगडाला जेव्हा जाग येते, लेकुरे उदंड झाली, प्रेमाच्या गावा जावे, गगनभेदी, तू तर चाफेकळी, मत्स्यगंधा, कस्तुरीमृग, मीरा मधुरा, के साथ ही सूर्याची पिल्ले याद किए जाते है।
एक ही नाटक में इतने सारे नामचीन कलाकारों को देखना भी सानंद दर्शकों के लिये सुखद होगा। ‘सूर्याची पिल्ले’ जैसी कृति को पुनः रंगमंच पर लाने का श्रेय निर्माता अभिनेता सुनील बर्वे को जाता है। नाटक के कलाकार है आनंद इंगळे, पुष्कर श्रोत्री, अनिकेत विश्वासराव, स्नेहा माजगांवकर, सुहास परांजपे, उमेश जगताप, शर्वरी पाटणकर एवं सुनिल बर्वे।
नाटक के लेखक वसंत कानेटकर, निर्देशक प्रतिभा कुलकर्णी, प्रकाश योजना प्रदीप मुळ्ये, संगीत अशोक पत्की, रंगभूषा किरण शिंदे, वेशभूषा मंगल केंकरे, सूत्रधार दीपक जोशी हैं। इसके निर्माता सुनिल बर्वे और नितीन भालचंद्र नाईक हैं। नाटक की अवधि 3 घंटे की है एवं 3 भागों मे विभाजित है।
‘सूर्याची पिल्ले’ का मंचन 11 जुलाई 2025, शुक्रवार को मामा मुजूमदार समूह के लिए सायं 6.30 बजे, 12 जुलाई शनिवार को रामू भैय्या दाते समूह के लिए अपराह्न 3.30 बजे और सायं 7.30 बजे राहुल बारपुते समूह के लिए आयोजित होगा। 13 जुलाई रविवार को वसंत समूह के लिए अपराह्न 3.30 बजे एवं सायं 7.30 बजे बहार समूह के लिए नाटक का मंचन होगा।





