Marathi Storytelling : सानंद फुलोरा के ‘गोष्ट इथे संपत नाही … अफजलखान वध’ का कथाकथन 17 नवंबर को!
Indore : सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे एवं मानद सचिव संजीव वावीकर ने बताया कि शिवाजी महाराज की जिस घटना में व्यक्ति अपनी अस्मिता ढूंढता है, वह महत्वपूर्ण घटना है अफजल खान वध। बचपन से पोवाडे, कहानियाँ, उपन्यास, सिनेमा, नाटकं, गणपती उत्सव में होने वाले विविध कार्यक्रम के माध्यम से यह घटना मन-मन में घर करती रही है। लेकिन, इस रोमहर्षक घटना के विविध स्वरूपों में मुग्ध होकर यह भूल जाते है कि इस घटना के पहले और बाद का हिस्सा भी महत्वपूर्ण है।
अफलज खान कौन था, उसने स्वराज्य पर आक्रमण क्यों किया, छत्रपती शिवाजी महाराज ने इस बडे संकट का सामना कैसे किया और अंत में अफलज खान वध के बाद का घटनाक्रम क्या हुआ। इस कार्यक्रम को प्रस्तुत करने वाले कलाकार है सारंग भोईरकर एवं सारंग मांडके। ये दोनों आईटी कंपनी में कार्यरत है। इन्होंने इस एतिहासिक कथाकथन के 125 से अधिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए है। इसके निर्माता है समीर हंपी एवं सत्यजीत धाडेकर।
‘गोष्ट इथं सपंत नाही …’ अफजलखान वध” कथाकथन कार्यक्रम में सानंद न्यास के जयंत भिसे एवं संजीव वावीकर ने सभी से शामिल होने का अनुरोध किया है। यह कार्यक्रम 17 नवम्बर रविवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह, खंडवा रोड में शाम 5 बजे होगा।