Marital Rape Case : मैरिटल दुष्कर्म मामले में अदालत ने पति को बरी किया!

पत्नी नाबालिग फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पलटा!

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Marital Rape Case : मैरिटल दुष्कर्म मामले में अदालत ने पति को बरी किय

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए एक आरोपी को मैरिटल रेप के आरोप से बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने सजा सुनाते हुए आरोपी को अपनी नाबालिग पत्नी के साथ रेप का दोषी करार दिया था।

इस मामले में पत्नी नाबालिग थी और उसके यहां एक बच्चा भी है। सुप्रीम कोर्ट रेप के मामले में एक अपवाद को आधार मानते हुए आरोपी को बरी किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपवाद की वजह से पति पर रेप का केस नहीं बनता। आरोपी पति ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पत्नी की शिकायत के आधार पर इस केस की सुनवाई की। एफआईआर में आरोपी के खिलाफ नाबालिग पत्नी के साथ संबंध बनाने की वजह से पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि पोक्सो एक्ट 2012 के बाद आया है। इसलिए इससे पहले के मामले में इसे लागू नहीं किया जा सकता।

इस वजह से हाईकोर्ट ने इस मामले को मैरिटल रेप के अंतर्गत रखा और आरोपी को दोषी करार दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। उन्होंने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि आरोपी को रेप की IPC की धारा 375 में मैरिटल रेप को अपवाद के रूप में बताया गया है। पत्नी ने जो हलफनामा दायर किया था उसमें बताया था कि आरोपी के साथ उसकी शादी हुई है और मर्जी से संबंध बने हैं, इसके बाद उनके यहां एक बच्चा भी है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्नी की उम्र अगर 15 साल से अधिक है, तो पति के खिलाफ रेप का आरोप नहीं बनता। सुप्रीम कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच मर्जी से बने संबंध और शादी की बात को ध्यान में रखते हुए आरोपी की याचिका को स्वीकार किया और उसे बरी कर दिया।