Market Crack : शेयर बाजार में 37 साल की सबसे बड़ी गिरावट, भारत की कई कंपनियों पर असर पड़ा!

गिरावट का मूल कारण अमेरिका, जापान के बाजार में भूचाल, मार्केट में तेज गिरावट!

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Market Crack : शेयर बाजार में 37 साल की सबसे बड़ी गिरावट, भारत की कई कंपनियों पर असर पड़ा!

Mumbai : दुनियाभर के शेयर बाजारों में आज गिरावट आई। ग्लोबल बाजारों में कोहराम मच गया। जापान का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निक्केई भरभराकर टूट गया। निक्केई में तीन दिन में औसतन 5% की गिरावट आई। ये गिरावट साल 2011 के फुकुशिमा न्युक्लिकर मामले के बाद की सबसे भयानक गिरावट मानी जा रही है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कैरी ट्रेड को बंद करने की खबर का असर मार्केट पर दिख रहा है। 10 साल के बॉन्ड्स यील्ड में 0.13% की गिरावट आई है।

ग्लोबल अनिश्चितताओं से आईटी सेक्टर पर असर हो सकता है। ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर भी सतर्कता जरूरी है। मौजूदा स्थिति में ग्लोबल फंड्स पर निगेटिव असर हो सकता है। बाजार में गिरावट पर खरीदारी का मौका है। के आर चोकसी सिक्योरिटी के एमडी देवेन चोकसी के मुताबिक, मार्केट में गिरावट से घबराना नहीं चाहिए, ये खरीदारी का अच्छा मौका है।

आज सोमवार को मार्केट खुलते ही विकराल रूप धारण कर लिया। भारतीय शेयर बाजार 3% से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। जबकि, जापान का स्टॉक मार्केट इंडेक्स Nikkei 225 तो 11% से भी ज्यादा गिर गया। आम निवेशकों इस भयानक गिरावट की वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो दुनियाभर के बाजारों में तबाही मच गई।

बाजारों में तबाही की जड़ें अमेरिका से जुड़ी
पूरी दुनिया के शेयर बाजार में मची इस तबाही की जड़ें अमेरिका से जुड़ी हुई हैं। दरअसल, अमेरिका के ताजा आंकड़ों ने आर्थिक मंदी की चिंगारी को हवा दे दी है। अमेरिका की बेरोजगारी की दर 4.3% पर पहुंच गई। ये अक्टूबर 2021 के बाद से अमेरिका में बेरोजकारी का सबसे भयावह आंकड़ा है। अमेरिकी आईटी सेक्टर में नॉन-स्टॉप छंटनी चल रही है। जिसकी वजह से पूरी दुनिया की आईटी इंडस्ट्री भारी दबाव में आ गई है।

एशियाई बाजारों में भारी गिरावट
जापान में 37 साल की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट आई है। जापान के बाजार में 12% से ज्यादा की गिरावट है। दक्षिण कोरिया का बाजार 9% से ज्यादा टूटा है। बाजार मे भूचाल क्यों आया …
(1) US में मंदी का डर, AI/ चिप वाले शेयरों में बिकवाली।
(2) US में ब्याज दरों में कटौती में देरी।
(3) जापान में 0.25% दरें बढ़ी, येन कैरी ट्रेड वाले सौदे कट रहे हैं।
(4) चीन में मंदी गहराने का डर, डिमांड न्यूनतम स्तर पर।
(5) खाड़ी देशों में तनाव, कई देशों में सामाजिक संघर्ष।

जुलाई में बाजार धराशाई
● जापान का मार्केट निक्कई- 24% टूटा।
● ताइवान का इंडेक्स ताइपे- 15% टूटा।
● अमेरिकी बाजार का बेंचमार्क इंडेक्स डाओ-14% टूटा।
● जर्मनी बेंचमार्क इंडेक्स DAX-7% टूटा।
● इटली, हॉन्ग कॉन्ग, फ्रांस का बाजार -5 फीसदी टूटा है।

जापान के वित्त मंत्री का कहना है कि बैंक ऑफ जापान के साथ बाजार की स्थिति पर नजर है। हर बड़े कदम के लिए तैयार है। इसके बाद बाजार में हल्की रिकवरी दिखी। शेयर 12 फीसदी गिरकर बंद हुआ।

भारतीय कंपनियों पर सीधा असर
मारुति सुजुकी पर असर होगा। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सुजुकी को झटका लग सकता है। ऐसे में मारुति की आमदनी पर भी असर होगा। वहीं, Kokoyo Camlin, Sumitomo Chem पर असर होगा। इन म्युचूअल फंड्स ने गिरावट में जमकर खरीदारी शुरू की।

मारुति सुजुकी के शेयर में गिरावट
सोमवार को शेयर 4% गिरकर 12200 रुपए के नीचे आ गया है। कोकोयो केमलिम के शेयर में 5% का निचला सर्किट लग गया है। सुनिटोमो कैमिकल के शेयर में तेजी से गिरावट आई है। शेयर में 7% की गिरावट आई है।