Marriage of Minor Stopped : सोशल मीडिया पर हुई नाबालिग मोहब्बत पहुंची शादी तक, प्रशासन ने रुकवाया!

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Marriage of Minor Stopped

Marriage of Minor Stopped : सोशल मीडिया पर हुई नाबालिग मोहब्बत पहुंची शादी तक, प्रशासन ने रुकवाया!

दबाव में माता-पिता कर रहे थे नाबालिग बेटी का विवाह विभाग ने रुकवाया

Indore : सोशल मीडिया पर हुआ प्यार इतना परिवान चढ़ा और इस हद तक पहुंच गया कि माता-पिता भी विवाह के लिए मजबूर हो गए। दबाव में परिवार कम उम्र में ही बेटी का विवाह करने को तैयार हो गया। इस मामले पर मिली शिकायत के बाद पहुंचे अभियान दल ने समझाइए देकर विवाह निरस्त कराया।

मिली शिकायत के बाद भागीरथपुरा में हो रहे इस विवाह में नाबालिग बालिका के विवाह की सूचना का परीक्षण महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं क्षेत्रीय सुपरवाइजर के माध्यम से कराया। बाल विवाह की सूचना सही होने पर कार्रवाई के लिए अभियान कोर ग्रुप के महेंद्र पाठक को जिम्मेदारी सौंपी गई। पाठक क्षेत्रीय पर्यवेक्षक सुनीता गोखले, थाना बाणगंगा पुलिस चौकी भागीरथपुरा के पुलिस बल व किशोर पुलिस इकाई के रामलखन सिंह के साथ मौके पर पहुंचे। दल प्रभारी पाठक ने बताया कि सोशल मीडिया पर युवा पीढ़ी प्यार की दहलीज पर कदम रखते ही माता-पिता को भूल रही है।

शिकायत के आधार पर बाल विवाह रोकने के लिए दल पहुंचा तो माता-पिता ने बताया कि बेटी ने उन्हें कुछ महीने पहले बताया कि वह किसी योग से प्यार करती है और उससे शादी करना चाहती है। यदि शादी नहीं की, तो वह घर छोड़कर भाग जाएंगे। मजबूर दोनों पक्ष ने आपसी सहमति से उनका विवाह करने की तैयारी कर ली। विवाह की रस्म शुरू हो गई थी और अचानक ही पहुंची टीम ने जब बालिका के जन्म प्रमाण पत्र देखा तो पता चला कि उसकी आयु अभी 17 वर्ष और 4 माह है। दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइए देने के बाद यह विवाह निरस्त हो गया। वर और वधू पक्ष ने कहा कि वह बेटी के पूर्ण बालिग होने पर ही विवाह करेंगे।

विवाह की पत्रिकाएं बांटे जाने के कारण जो मेहमान आएंगे उन्हें भोजन कराएंगे और विवाह की बजाय मंडप में दोनों की सगाई की रस्म पूरी की जाएगी। पाठक ने बताया कि सावधानी के तौर पर उक्त विवाह न हो इसके लिए पुलिस बाल और टीम के सदस्यों को हिदायत दी गई है किम वह विवाह के समय पर उपस्थित रहकर यह निश्चित करेंगे कि सगाई की रस्म ही हो रही है अथवा विवाह किया जा रहा है। यदि इस दौरान सगाई के बजाए परिवार द्वारा गुपचुप तरीके से नाबालिक बेटी का विवाह किया जाता है तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2007 के अनुसार कार्रवाई करते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज की जाएगी।

जिले में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत आने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। कलेक्टर आशीष सिंह नाबालिग विवाह रुकवाने के लिए दल गठित किए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिला स्तर पर दो दल भी गठित किए गए हैं। प्रत्येक तहसील और परियोजना स्तर पर भी अलग-अलग दल गठित कर बाल विवाह रोकथाम के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने बताया कि शिकायत मिलते ही स्थानीय स्तर पर जांच के बाद समझाइए दी जा रही है। यदि परिजन नहीं मानते तो जिला स्तरीय दर प्रयास करता है उसके बावजूद विवाह संपन्न होता है, तो संबंधित पक्ष के साथ ही विवाह करने वाले माता-पिता विवाह में शामिल होने वाले परिजन बाराती घराती सहित सेवा प्रदाताओं के विरुद्ध भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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