Mass Copying Racket Busted: गोपनीय सूचना पर कलेक्टर ने फिल्मी अंदाज में करवाई कार्यवाही, कक्षा 10वीं के छात्रों को पास कराने के लिए उत्तर बनाते हुए पकड़ा

4 विभागों ने की संयुक्त कार्यवाही, 9 लोगों में 8 शिक्षक, FIR दर्ज

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Mass Copying Racket Busted: गोपनीय सूचना पर कलेक्टर ने फिल्मी अंदाज में करवाई कार्यवाही, कक्षा 10वीं के छात्रों को पास कराने के लिए उत्तर बनाते हुए पकड़ा

खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट

खरगोन: जिले की अतिदुर्गम पहाड़ी क्षेत्र सिरवेल के परीक्षा केन्द्र पर हैरतअंगेज कारनामे का पर्दाफाश हुआ है। यहां पर परीक्षा केन्द्र से कुछ ही दूरी पर सूने मकान में 8 अध्यापक, अतिथि शिक्षक और सहायक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति कक्षा 10वीं का सामाजिक विज्ञान का पेपर साल्व करते रंगे हाथों पकड़ाए। दरअसल इस तरह के रैकेट की भनक कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा को 6 मार्च को एक मुखबिर के जरिए लगी।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा-

कलेक्टर श्री वर्मा ने नाटकीय ढंग से नकल कराने वाले रैकेट को पकड़ने की रूपरेखा बनाई। जिसके मुताबिक जिला मुख्यालय से एसडीएम और शिक्षा अधिकारी व बीईओ रात में ही प्रायवेट वाहनों से गांव पहुंच गए। यहां उन्होंने रात गुजारी और अपना काम सुबह से प्रारम्भ किया। कक्षा 10वीं पास कराने वाले एक रैकेट का जिला प्रशासन द्वारा पर्दाफाश किया गया है।

देखिये वीडियो-

इस पूरी कार्यवाही को लेकर कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि अत्यंत गोपनीय सूचना के आधार पर पूरी रूपरेखा तैयार की गई। इस दल को शासकीय वाहनों के बजाय अन्य प्रायवेट वाहनों से रात में ही भेजा गया। जिनकी टीम बनाई गई, उन्हें देहाती पहनावे में भेजा गया। रात भर इंतजार के बाद सूचना के आधार पर टीम ने अपना काम शुरू किया।

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परीक्षा केंद्र के पास वाले मकान से ही होता था खेल

एसडीएम श्री ओ एन सिंह ने बताया कि प्लानिंग के अनुसार सोमवार रात में ही शिक्षा, जनजाति, राजस्व और पुलिस विभाग का अमला पहुँच गया था। मंगलवार को कक्षा 10वीं का सामाजिक विज्ञान के पेपर शुरू होने के बाद केंद्र पर हलचल शुरू हुई। मौका देखकर दल ने अपना काम शुरू किया। परीक्षा केंद्र के पास के ही मकान में करीब 9 लोग उत्तर बनाते हुए पकड़े गए। इसमें 8 शिक्षक भी शामिल थे।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, पुलिस अधीक्षक-

जांच के दौान सभी के मोबाइल पर सामाजिक विज्ञान प्रश्न पत्र का लिया गया फोटो पाया गया। साथ ही उनके पास से 10 सामाजिक विज्ञान की गाइडें, जिसके पन्ने फटे हुए पाए गए। इसके अलावा मकान के अंदर ही ओबजेक्टिव के प्रश्न कार्बन पेपर की सहायता से लिखते पाए गए।

स्विफ्ट डिजायर से आकर सॉल्व कराते थे

एसडीएम श्री ओएन सिंह ने बताया कि स्कूल में संदेहास्पद व्यक्ति की स्विफ्ट डिजायर देखी गई। केन्द्राध्यक्ष से पूछे जाने पर व्यक्ति कहीं और पदस्थ है। सिरवेल थाने में परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 3 डी, के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया। मकान में नांदिया हाईस्कूल के अध्यापक सचिन गाड़गे और बहादुरसिंह गरासे, खेरकुंडी के अतिथि शिक्षक वसीन खान, कोटबेड़ा स्कूल के अतिथि शिक्षक सुरेश सोलंकी व अनिल बड़ोले, प्राथमिक स्कूल कोटबेड़ा के सुनील मोरे, सिरवेल स्कूल के ही सहायक शिक्षक दयाराम सोलंकी और नांदिया स्कूल के सुरेश बारेला तथा महाराष्ट्र के सुनील पंवार सूने  मकान में प्रश्न हल करते पाए गए। कार्यवाही में एसडीएम, प्रभारी शिक्षा अधिकारी श्री हेमेन्द्र वडनेरकर, थाना प्रभारी और बीईओ श्री ए के गुप्ता ने भूमिका निभाई।