

ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर भीषण विस्फोट : 4 की मौत, 500 से अधिक घायल
कीर्ति कापसे की रिपोर्ट
बंदर अब्बास, ईरान: ईरान के प्रमुख व्यापारिक केंद्र शाहिद राजाई बंदरगाह पर आज हुए एक भीषण विस्फोट ने समूचे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। इस भयावह हादसे में अब तक चार लोगों की मौत और 500 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। घायलों में कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह विस्फोट बंदरगाह पर रखे गए रासायनिक पदार्थों के कारण हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि रसायनों के असुरक्षित भंडारण या हैंडलिंग में हुई चूक इस हादसे का कारण हो सकती है। फिलहाल, घटना की विस्तृत जांच जारी है, और बंदरगाह के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना दिया गया है।
*विस्फोट का प्रभाव*
धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास के कई किलोमीटर के दायरे में इमारतों की खिड़कियां चकनाचूर हो गईं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि विस्फोट के समय धरती तक कांप उठी थी, और घना धुआँ पूरे क्षेत्र में फैल गया था। राहत एवं बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
*परमाणु वार्ता से कोई संबंध नहीं*
घटना के समय अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ताएँ भी चल रही थीं। हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस विस्फोट का इन अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं से कोई लेना-देना नहीं है। इसे पूरी तरह से एक आंतरिक औद्योगिक दुर्घटना बताया गया है।
*शाहिद राजा बंदरगाह : रणनीतिक महत्व*
शाहिद राजा पोर्ट, ईरान का सबसे व्यस्त और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बंदरगाह है। इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा था। इस बंदरगाह के विस्तार और आधुनिकीकरण कार्यों में चीन का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है।
ईरान और चीन के बीच 25 वर्षीय दीर्घकालिक सहयोग समझौते के तहत इस बंदरगाह पर भारी निवेश किया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य मध्य एशिया, अफ्रीका और यूरोप के बीच व्यापार मार्गों को सशक्त बनाना था। बंदरगाह के माध्यम से ईरान अपने तेल, गैस और अन्य उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा देने की योजना बना रहा था।
*आगे की कार्रवाई*
ईरानी प्रशासन ने दुर्घटना की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, घायलों के इलाज के लिए आसपास के सभी अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी गई है। सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है।
उधर, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हादसे पर चिंता जताई है और जरूरत पड़ने पर सहायता का प्रस्ताव दिया है।