नई दिल्ली में बिहार मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन: संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विपक्षी मार्च, कई नेता हिरासत में

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नई दिल्ली में बिहार मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन: संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विपक्षी मार्च, कई नेता हिरासत में

नई दिल्ली। 11 अगस्त सोमवार को बिहार में मतदाता सूची में संशोधन प्रक्रिया के विरोध में रिपब्लिकन पार्टी समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला। यह मार्च ट्रांसपोर्ट भवन के पास पुलिस बैरिकेड्स से रुका, जहां अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया।

पुलिस द्वारा रोकथाम के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा समेत कई प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स पर हमला करने का प्रयास किया। यहां तक कि कुछ ने बैरिकेड्स पार कर सड़क पर आकर विरोध जताया। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारी को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वें प्लास्टिक बैरिकेड्स को हटाकर सड़कों को खोलने लगे। इसी बीच राहुल और प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर विरोध जताते हुए लाठीचार्ज का मुकाबला किया।

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अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने पुलिस और बैरिकेडिंग के जरिए प्रदर्शनकर्ताओं को रोकने की कोशिश की है, जिससे वह विरोध स्वरूप धरने पर बैठे हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह विरोध को दबाने के लिए पुलिस बल का गैरजरूरी इस्तेमाल कर रही है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पूरे मामले पर कहा कि राहुल गांधी ने बहुत गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह जनता के मन से उठ रहे संदेह दूर करे, खासकर वोटर सूची को लेकर। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र इतना कीमती है कि वोटर्स के संदेह को भूला नहीं जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कहीं फर्जी वोट या डुप्लीकेट वोट तो नहीं डाले जा रहे। थरूर ने आग्रह किया कि चुनाव आयोग इस पर स्पष्ट और विश्वसनीय जवाब दे।

वहीं, कांग्रेस-सपा के नेता राकेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी शिकायतों पर कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी और अल्पसंख्यक समुदाय चुनाव आयोग से अपनी शिकायतें लेकर संसद तक आए हैं, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई।

राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि वे ‘मखमली’ (नरम) नहीं हैं और उन्होंने केंद्र सरकार को ‘डरपोक’ और ‘कायर’ बताया। उन्होंने राजनीतिक विरोध से परे जाकर मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।

इस प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत, सागरिका घोष सहित कई विपक्षी नेताओं को हिरासत में ले लिया है।

यह विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारी बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर बढ़ती राजनीतिक अनबन और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों का हिस्सा हैं।