

यह समिट ‘करार’ को साकार करने वाली साबित हो…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को विपक्ष ने सबसे ज्यादा बेरोजगार युवा और आयोजित हुईं ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की असफलता के नाम पर ही घेरने की कोशिश की है। ऐसे में विपक्ष को करारा जवाब देने में डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल की पहली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट अब सामने है। इसमें रिकॉर्ड निवेश के प्रस्ताव तो आए ही हैं। पर इससे दो कदम आगे बढ़कर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंच से आश्वस्त किया है कि निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए नौकरशाहों को पाबंद किया गया है। यानि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए 30 लाख 77 हजार करोड़ रूपए के एमओयू को मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही जमीन पर उतारेगी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी मध्य प्रदेश के भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित करते हुए आश्वस्त किया है। तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शाह को करारों को साकार करने की गारंटी दे रहे हैं। जिस तरह सरकार इच्छाशक्ति प्रकट कर रही है, उससे उम्मीद जाग रही है कि सरकार द्वारा घोषित ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ 2025 में सच साबित होकर रहेगा। यह उपलब्धि विपक्ष से युवाओं में बेरोजगारी और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की असफलता जैसे मुद्दे छीनने में सफल हो सकेगी। एक साल बाद सरकार ‘करार’ के ‘साकार’ होने की झलक दिखाने में सफल होगी,तब ही वह बधाई की वास्तविक हकदार हो सकेगी।
पर एक बार फिर वही बात जो मोदी भाव प्रकट कर गए थे, उसे पुख्ता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोहराया कि मध्य प्रदेश में एक स्थायी और मजबूत सरकार काम कर रही है, जिससे यहाँ विकास के द्वार खुले हैं। जैसा शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में एक स्थायी और मजबूत सरकार काम कर रही है, तो इसमें किसी को संशय भी नहीं है क्योंकि अभी पूरी भाजपा मोदी के नेतृत्व में ही कार्य कर रही है और स्थायित्व और मजबूती के भाव के पीछे भी फिलहाल मोदी ही हैं। तो शाह ने यह भी जोड़ा कि मोदी जी के विकसित भारत और देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में यह इन्वेस्टमेंट समिट महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएगा। यानि समिट के बहाने मध्यप्रदेश और डॉ. मोहन यादव पर केंद्रीय नेतृत्व का पूरा आशीष बरसा है। शाह की यह गारंटी भी इसे पुख्ता कर रही है, जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया है कि मध्य प्रदेश में निवेशकों को पारदर्शी शासन, स्थायी नीतियां और दो कदम आगे बढ़कर हाथ मिलाने वाला प्रशासन मिलेगा। तो यह भी कि मध्य प्रदेश में जमीन, श्रम संसाधन, शिक्षित युवा व स्किल्ड वर्कफोर्स भी है और खदान, खनिज एवं उद्योगों के लिए संभावनाएं व अवसर भी हैं। और मध्य प्रदेश ने हर क्षेत्र का अलग-अलग इन्वेस्टमेंट समिट कर राज्य का समविकास करने का प्रयास किया है, जो कई राज्यों को दिशा दिखाएगा। उनका यह भरोसा भी ठीक ही है कि मध्य प्रदेश सरकार के पारदर्शी शासन ने निवेश के लिए काफी लोगों को आकर्षित किया है।
शाह ने कहा कि इस दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कुल 30 लाख 77 हज़ार करोड़ रूपए के एमओयू’ज किए गए। उन्होंने कहा कि इनमें से कई एमओयू’ज जमीन पर उतरेंगे और एक बड़ी इंडस्ट्री के साथ-साथ सहायक उद्योगों को भी मध्य प्रदेश में स्थापित करने में राज्य सरकार को मदद करेंगे। शाह ने कहा कि दो दिवसीय समिट में 200 से अधिक भारतीय कंपनियां, 200 से अधिक वैश्विक सीईओ, 20 से अधिक यूनिकॉर्न संस्थापक और 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मध्य प्रदेश में निवेश करने और यहां के माहौल को देखने आए हैं। इस बार मध्य प्रदेश ने एक नए प्रयोग के तहत हर क्षेत्र का अलग-अलग इन्वेस्टमेंट समिट कर पूरे मध्य प्रदेश का समविकास करने का प्रयास किया है, जो आने वाले दिनों में कई राज्यों को दिशा दिखाएगा।
शाह ने डॉ. मोहन यादव सरकार की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी। कहा कि इस समिट में मध्य प्रदेश ने विकास के लिए अपने इंडस्ट्रियल पोटेंशियल, सेक्टोरल पोटेंशियल और ग्लोबल पोटेंशियल को भी एक्सप्लोर करने के सारे रास्ते खोलने का प्रयास किया है। इस समिट ने मध्य प्रदेश के विकास को नया आयाम देने का काम किया है। मध्य प्रदेश हमारे देश की भव्य सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘विकास भी विरासत भी’ के सूत्र को चरितार्थ करने के लिए राज्य कई प्रयास कर रहा है। इस समिट में लोकल और ग्लोबल दोनों प्रकार के निवेश में वृद्धि करने के कई आयाम हासिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये समिट भारत की अमृत पीढ़ी के लिए कौशल विकास के कई द्वार भी खोलेगी। ऑटोमेशन और जॉब क्रिएशन के बीच समन्वय बनाकर मध्य प्रदेश सरकार ने अलग अलग सेक्टर्स के लिए जो नीतियां बनाई हैं वो आगे बढ़ेंगी और ये समिट भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में भी बहुत सहायता करेगी।
अंतत: शाह ने भरोसा जताया कि मध्य प्रदेश की इन्वेस्टमेंट समिट ने न सिर्फ राज्य बल्कि भारत के विकास को भी गति देने का काम किया है। मध्य प्रदेश आने वाले दिनों में भारत के प्रमुख उद्योगों को स्थापित करने वाले राज्यों में शामिल होगा। मध्य प्रदेश में एक पारदर्शी शासन, स्थायी नीतियां और दो कदम आगे बढ़कर हाथ मिलाने वाला प्रशासन भी मिलेगा। तो उम्मीद यही कि डॉ. मोहन यादव भी दो कदम आगे बढकर निवेशकों की हर समस्या का निराकरण करने में देरी नहीं करेंगे। और तब ही 30 लाख 77 हजार करोड़ के सभी ‘करारों’ के ‘साकार’ होने की अनंत संभावनाएं जागृत हो पाएंगीं। और उम्मीद यही कि यह समिट ‘करार’ को साकार करने वाली साबित हो…जिससे मोहन सरकार द्वारा 2025 को घोषित उद्योग एवं रोजगार वर्ष की सार्थकता सिद्ध हो सके…।