सार्थक दीवाली: नन्हे मुन्ने बच्चों ने वृद्धजनों के संग मनाई दीवाली
धार /- दीपावली उजियारे का नहीं अपनत्व व आशिर्वाद लेने देने का भी त्यौहार है। हर कहीं खुशी का प्रसन्नता का वातावरण रहता है। अपने घरों को सजाने व तरह तरह के व्यंजन बनाने व खिलाने की परंपरा है। समाज में कुछ लोग ऐसे भी है जिनके घर तो है पर वे अपने घरों में नहीं है। ऐसे लोग वृद्धाश्रम में निवास करते है। उनका अपना घर नहीं बड़ा घर है। उस बड़े घर में बचपन प्ले स्कूल व एकेडमिक हाईट्स पब्लिक स्कूल के सैकड़ो बच्चे जब मिठाई, पटाखे व उपहार लेकर आये तो वातावरण श्रद्धा तथा अपनेपन से पूरित हो गया। छोटे बच्चों ने शिक्षक व परिवार के सहयोग से वृध्दजनों के लिए खूब सारे उपहार जुटाए।
*बच्चों ने पाया आशीर्वाद*
सैकड़ों बच्चों ने श्रद्धालय वृद्धाश्रम के बारे में जब जानकारी मिली तो बच्चे व शिक्षकगण आश्चर्य से भर गए। बच्चों ने अपने माता पिता दादा दादी की सेवा व सहयोग का संकल्प लिया। बच्चों ने दीपावली पर वृद्धाजनों को उपहार दिए व आशीर्वाद पाया।
*आतिशबाजी व कविताएं गूंजी*
बच्चों ने दीपावली का पर्व आश्रम परिसर में मनाया। वृद्धों को अपने मध्य बिठाकर साथ साथ भोजन ग्रहण किया। दर्शनीय अनुशासन के मध्य आतिशबाजी का आनंद लिया व अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए खुशी व्यक्त की व कविताएं सुनाई।
इस अवसर पर संचालक श्रीमती रेणु अग्रवाल, आर्किटेक्ट वल्लभ जी व घनिष्ठ अग्रवाल ने संबोधित किया। अतिथियों ने बेहतर सफाई, कुशल प्रबंधन के लिए संचालक व कर्मचारियों की प्रशंसा की व आभार व्यक्त किया। वृद्धों व आश्रम का परिचय संचालक संस्था भोज शोध संस्थान के डॉ दीपेंद्र शर्मा द्वारा करवाया गया। बच्चों ने आश्रम परिसर के कार्यालय, वृद्धजन निवास, मन्दिर गौशाला व भोजन शाला का अवलोकन किया। आभार सत्कार अधिकारी जयंतजोशी ने व्यक्त किया। यह जानकारी मीडिया प्रभारी राकी मक्कड़ ने दी।