शराब बिक्री को बढ़ाने के लिए बुलाई गई बैठक स्थगित

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भोपाल: मध्यप्रदेश में शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए वाणिज्य कर विभाग की प्रमुख सचिव द्वारा बुलाई गई बैठक अचानक स्थगित कर दी गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने भी इसका विरोध किया था।
वाणिज्य कर विभाग के उपसचिव आरपी श्रीवास्तव ने कल आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि वाणिज्य कर विभाग की प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में मदिरा खपत में वृद्धि हेतु वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से एक बैठक दोपहर बारह बजे बुलाई गई है। इसमे आबकारी आयुक्त और उनके अधीनस्थ सभी उपायुक्त आबकारी को भी बैठक में उपस्थित होने को कहा गया था। लेकिन बैठक के शुरु होने से कुछ समय पहले ही सभी को मौखिक संदेश दिया गया कि अभी प्रमुख सचिव व्यस्त है इसलिए बैठक स्थगित कर दी गई है।

कल वाणिज्य कर विभाग के उपसचिव का आबकारी आयुक्त को लिखा गया शासकीय पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह बेहद आपत्तिजनक है। शराब की खपत बढ़ाने के लिए बुलाई गई बैठक तत्काल निरस्त की जाना चाहिए।

उमा भारती चाहती है शराब बंदी-

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में शराब बंदी चाहती है। वे इसके लिए अभियान चलाने की घोषणा कर चुकी है। वहीं सरकार के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा शराब की बिक्री से मिलता है इसलिए सरकार इसे फिलहाल बंद करने के मूड में नहीं है।

कोरोना के बाद घट गई शराब की बिक्री-

प्रदेश में हर साल दस हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि शराब से ड्यूटी के रुप में मिलती है। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल शराब की बिक्री बीस प्रतिशत कम हो गई है। इसीलिए यह बैठक बुलाई गई थी कि इसमें विचार किया जाए कि किस तरह शराब से मिलने वाला राजस्व बढ़े।

गौरतलब है कि प्रदेश में नकली शराब की बिक्री तेजी से बढ़ी है इसके चलते सरकारी तौर पर होंने वाली शराब की बिक्री में कमी आई है। नकली शराब पीने के कारण उज्जैन, मुरैना, इंदौर और मंदसौर में लोगों की मौत भी हो चुकी है। नकली शराब पीने से हुई मौतों की जांच के लिए राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा की अध्यक्षता में एक समिति भी बनाई थी। राजौरा ने उज्जैन और मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई मौत की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें कई सुझाव दिए गए थे। इसके पालन के लिए निर्देश अभी तक जारी नहीं हो पाए है इसलिए अवैध शराब बिक्री अभी भी जारी है। बैठक में इसे रोकने के लिए ही चर्चा होना थी।