
Meghnagar forest area: संयुक्त कार्रवाई कर 25 अस्थाई अतिक्रमण हटाए, गोहत्या प्रकरण के बाद लगातार सर्चिंग जारी
JHABUA: जनजातीय बहुल झाबुआ जिले के मेघनगर क्षेत्र अंतर्गत सजेली–नान्या साथ के वन क्षेत्रों में विगत दिनों सामने आए गोहत्या के गंभीर प्रकरण के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क मोड में है। इसी कड़ी में प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के संयुक्त दल ने वन भूमि पर की गई अवैध गतिविधियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया। इस दौरान वन भूमि से टीन शेड और कच्चे निर्माण सहित कुल 25 अस्थाई स्ट्रक्चर हटाए गए।

▪️गोहत्या प्रकरण से जुड़ी पृष्ठभूमि
▫️उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व सजेली–नान्या साथ के वन क्षेत्र में गौ हत्या के अवशेष मिलने के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी थी। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने तत्काल जांच शुरू की थी। इसके बाद से वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा क्षेत्र में लगातार सर्चिंग, निगरानी और जांच कार्य किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि वन क्षेत्र में मौजूद अस्थाई ढांचे और अतिक्रमण अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे।

▪️संयुक्त दल की कार्रवाई
▫️शनिवार को SDO फॉरेस्ट SL YADAV के नेतृत्व में प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थल निरीक्षण किया। जांच के दौरान यह पाया गया कि वन भूमि पर कई स्थानों पर अवैध रूप से टीन शेड और कच्चे निर्माण कर अतिक्रमण किया गया था।

▪️पहले ही जारी हो चुके थे नोटिस
▫️एसडीओ फॉरेस्ट एस एल यादव ने बताया कि वन विभाग द्वारा पूर्व में ही संबंधित अतिक्रमणकारियों को बेदखली नोटिस जारी किए जा चुके थे। इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर संयुक्त दल को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान वन भूमि पर बनाए गए लगभग 25 अस्थाई स्ट्रक्चर हटाए गए।
▪️सख्ती आगे भी जारी रहेगी
▫️प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण और अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गोहत्या जैसे गंभीर मामलों को देखते हुए वन क्षेत्रों में निरंतर निगरानी, सर्चिंग और संयुक्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। प्रशासन ने यह भी संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों में और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
▪️और अंत में ••••
▫️मेघनगर वन क्षेत्र में की गई यह कार्रवाई न केवल अवैध अतिक्रमण के खिलाफ संदेश है, बल्कि गोहत्या जैसे संवेदनशील मामलों पर प्रशासन की सख्ती को भी दर्शाती है। संयुक्त विभागीय समन्वय के माध्यम से वन क्षेत्रों को अवैध गतिविधियों से मुक्त रखने की दिशा में प्रशासन लगातार प्रयासरत है।





