Mehak’s Death Secret Revealed : महक की मौत का राज खुला, सारा सच सामने आया!
Indore : खुड़ैल इलाके के काजी पलासिया में रहने वाली महक शर्मा (19 साल) की 18 अप्रैल की रात घर में अचानक तबीयत बिगड़ी। घर वाले उसे इंडेक्स अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने बताया कि महक ने जहरीला पदार्थ खाया है। यहां से उसे बॉम्बे हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहां देर रात उसने दम तोड़ दिया। दरअसल, ये एक प्रेम प्रसंग का मामला था, जिस पर अब कार्रवाई हुई। तीन को पकड़ लिया, एक फरार है।
उसके पिता ने बताया कि घटना वाले दिन बेटी बिलकुल नॉर्मल थी। उसे किसी तरह की कोई टेंशन या परेशानई नहीं दिखी। सबसे अच्छे से बात कर रही थी। मैं फैक्ट्री से काम करके घर आ गया था। उस दिन उसी ने खाना बनाया था। वो खाना खा चुकी थी, मुझे भी उसी ने खाना परोसा था। मैंने उसे अंगूर खाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। बोली कि बाद में खा लूंगी।
10 बजे तक वो मेरे सामने ही थी। इसके बाद मैं ऊपर वाले कमरे में सोने के लिए चला गया। बेटी नीचे वाले कमरे में अपने बड़े पापा के यहां सोती थी, वो वहीं थी। आधे घंटे बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और वो उल्टी करने लगी। कुछ बोल नहीं पा रही थी। हम उसे इंडेक्स अस्पताल लेकर गए। उसके मुंह से झाग आ रहा था। रास्ते में घर वालों ने पूछने की कोशिश की, कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि तबीयत इतनी बिगड़ गई।
ज्यादा हालत खराब होने की वजह से वह कुछ बता नहीं सकी। बाद में इलाज के दौरान देर रात उसने दम तोड़ दिया। उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इस दौरान एक लड़के ने महक बड़े पापा के मोबाइल पर मैसेज किया। लेकिन सभी भाग-दौड़ में लगे थे और देखने से पहले ही उसने मैसेज डिलीट भी कर दिया।
पर्स में मिला सल्फास का पैकेट
घर वालों ने कमरे में और घर के आसपास ढूंढने की कोशिश की, जिससे पता चल सके कि आखिर महक ने ऐसा क्या खाया। उसका बैग देखा तो उसके छोटे पर्स में सल्फास की गोली का एक पैकेट मिला, जिसमें एक गोली कम थी। पैकेट भी नया था, जिससे घर के लोग हैरान रह गए। घर वालों का कहना है कि घर में गेहूं में रखने के लिए भी हम सल्फास की गोली नहीं लाते हैं, तो फिर ये गोली महक के पास कहां से आई। उसे किसने दी, वो तो कभी घर से अकेले बाहर भी नहीं जाती नहीं थी। ऐसे में दुकान जाकर सल्फास की गोली का पैकेट खरीदने का तो सवाल ही नहीं उठता।
लड़के के बारे में जानकारी मिली
महक जब अस्पताल में भर्ती थी, इसी दौरान उसके बड़े पापा के वॉट्सएप पर अंजान नंबर से मैसेज आया। इसके बाद मैसेज को डिलीट भी कर दिया। एक मैसेज 10 बजकर 48 मिनट पर तो दूसरा करीब 11.30 बजे आया। महक की तबीयत साढ़े दस बजे के करीब बिगड़ी थी। घरवालों ने नंबर के बारे में जानकारी निकाली तो वो क्षेत्र में रहने वाले लड़के असद पटेल का निकला। इसके कुछ देर बाद ही महक की मौत हो गई।
अगले दिन 19 अप्रैल को परिजनों ने चक्काजाम कर दिया। उनकी शिकायत पर खुड़ैल थाने में आरोपी लड़के असद पिता शब्बीर हुसैन, उसके पिता शब्बीर, मां शहनाज और दादा हैदर अली के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। असद, शब्बीर और हैदर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, तीनों फिलहाल जेल में हैं। शहनाज अभी भी फरार है।