सात गांव के आदिवासियों का 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

15 दिन में मांगे पूरी न होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी

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छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले के बकस्वाहा मे आदिवासियों द्वारा बकस्वाहा तहसील में आकर ज्ञापन दिया है जिसमे उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से अब तक हम मूलभूत सुविधाओ से वंचित हैं।

एक तरफ जहां सरकार आदिवासियों के लिए योजनाओं तथा समाज में अग्रणी रहने के लिए तमाम तरह की वादे करती है तो वहीं हकीकत कुछ और ही है।

बात दें कि क्षेत्र के हरदुआ, हिरदेपुर, गोरानाद, सुम्मेरपुरा, चदुआ, भाटा एवं पाठा के आदिवासी ग्रामीणों ने बकस्वाहा तहसील पहुचकर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में तहसीलदार को ज्ञापन सौंप है जिसमें, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पीने का पानी, बिजली, सरकारी, स्कूलों में शिक्षको का अभाव, आवास योजना से वंचित रखने जाती प्रमाण पत्र का अभाव तथा वन अधिकार के पट्टे न मिलने जैसी समस्याओं के बारे में अवगत कराया है। साथ ही चेतावनी दी कि 15 दिन के अंदर समस्याओं का निराकरण न हुआ तो 7 गांव के आदिवासी आदोंलन के लिए मजबूर होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

इस ज्ञापन में नंदराम आदिवासी (अध्यक्ष जयस), छोटू बारेला (जयस मीडिया प्रभारी), गोपाल बारेला (जयस ब्लॉक अध्यक्ष बकस्वाहा), पप्पू बारेला (जयस कार्य बाहक अध्यक्ष), उमेश वर्मा (भीम आर्मी ब्लाक अध्यक्ष), सालम भीलाला (जयस उपाध्यक्ष), तिलक सिंह लोधी, मनीष जैन, राम किशोर अहिरवार सहित बकस्वाहा इलाके और नगर से समाजसेवी शामिल रहे।