Mentally Handicapped : मानसिक विकलांग बालक को परिजन को सौंपा जाएगा, पुलिस ने भाई को झांसी से बुलाया!

पुलिस और आश्रम संचालकों ने बातचीत में उसे सामान्य पाया!

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Mentally Handicapped : मानसिक विकलांग बालक को परिजन को सौंपा जाएगा, पुलिस ने भाई को झांसी से बुलाया!

Indore : अखंड परमानंद धाम आश्रम से भागे मानसिक विकलांग बालक को पुलिस ने पकड़ लिया था। अब उसे उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। आश्रम संचालक भी इस पर सहमत हो चुके हैं। सहमति मिलने के बाद तेजाजी नगर पुलिस ने झांसी के बबीना गांव में रहने वाले भाई को बुलाया है।

तीन दिन की मशक्कत के बाद जब बालक अमन उर्फ आनंद सकुशल मिला तो पुलिस और आश्रम संचालकों ने राहत की सांस ली। शनिवार को पुलिस ने बालक से एक घंटे तक बात की। इस दौरान उसकी मानसिक स्थिति सामान्य थी। वह बार-बार यही कह रहा था कि मुझे भैया-भाभी के पास झांसी जाना है। पुलिस ने बयान लेने के बाद उसे वापस आश्रम संचालक को सौंप दिया था।

 

आश्रम संचालक परेशान हुए

रात को बालक ने दोबारा भागने की कोशिश की, लेकिन संचालक की सख्ती से वह सफल नहीं हो सका। रात की हरकत देखकर संचालक को भय है कि कहीं वह वापस भाग नहीं जाए। इसके चलते रविवार सुबह तेजाजी नगर थाना प्रभारी देवेन्द्र मरकाम से बात की।

संचालक ने कहा कि बालक की गुमशुदगी सागर में दर्ज है तो उसे वहां भिजवा दिया जाए। इस पर टीआई ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सागर पुलिस गुमशुदगी में बरामदगी बताकर बालक को अपने हाल पर छोड़ देगी, जिससे वह फिर किसी आश्रम में चला जाएगा। इसलिए सागर पुलिस को न सौंपते हुए परिजन के हवाले किया जाएगा। पुलिस ने इस संबंध में आनंद के बड़े भाई जितेन्द्र को इंदौर बुलाया है। संभवतः आज इंदौर पहुंचने के बाद बालक को उसके हवाले किया जाएगा।

 

आश्रम से ऐसे भागा था बच्चा

अखंड परमानंद आश्रम से 16 वर्षीय बच्चे के लापता होने के पीछे आश्रम प्रभारी और प्राचार्य की लापरवाही सामने आई थी। बच्चे के जाने के 7 घंटे बाद पुलिस को खबर दी गई थी। प्राचार्य ने एफआईआर में भी गलत तथ्य लिखवाकर पुलिस को गुमराह किया।

 

अपहरण का केस दर्ज किया

बच्चा मंदबुद्धि है और नाम-पता बताने में असमर्थ है। एसीपी आशीष पटेल के मुताबिक, श्री युग पुरुष धाम से 6 जुलाई को 131 बच्चे परमानंद आश्रम में शिफ्ट किए गए। लेकिन, प्राचार्य डॉ अनिता शर्मा ने एफआईआर में लिखवाया कि बच्चे 7 जुलाई को आए हैं।

शाम चार बजे बच्चा आश्रम से भाग गया था। पर, कर्चमारियों ने बदनामी के डर से पुलिस को खबर नहीं दी और खुद ही तलाशते रहे। रात 11 बजे तेजाजी नगर थाने गए और एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने घटना पर शक जाहिर करते हुए प्रबंधन से कहा कि वह बच्चों को पंचकुइया से खंडवा रोड लाने के सबूत दे। बदले में उन्होंने एक वीडियो दिया जिसमें बच्चे बस में बैठे हुए नजर आ रहे हैं।

बच्चे के परिसर में बने अस्पताल के पास से दीवार कूदकर जाने की शंका जताई गई थी। दोपहर को पुलिस ने न्यू दिगंबर पब्लिक स्कूल (एनडीपीएस) के फुटेज निकाले। ड्रोन कैमरा लगाकर खेतों में तलाशी करवाई। पुलिस ने आश्रम के कर्मचारी और बच्चों से भी चर्चा की है। वे कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। रिक्शा चालक दिलीप मिश्रा (आकाश नगर) ने बताया कि बच्चा शाम 4 बजे के आसपास बाहर था। वह बार-बार भाग रहा था। उसे मुश्किल से अंदर भेजा था। 3 दिन बाद पुलिस ने उसे बाणगंगा इलाके से पकड़ा था।