
विविधता में एकता का सन्देश: RSS की सामाजिक सद्भाव बैठक में हिंदू संस्कृति पर मंथन
ALIRAJPUR : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खंड आलीराजपुर द्वारा रविवार को स्वामी विवेकानंद विद्यालय में सामाजिक सद्भाव बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मालवा प्रांत के धर्मजागरण समन्वय विभाग के प्रांत सह संयोजक ललित कोठारी ने समाज प्रमुखों और नागरिकों से संवाद किया।
कोठारी ने कहा कि हमारे राष्ट्र का आधार हिंदू संस्कृति है। हजारों वर्षों से भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। एक देश, एक संस्कृति और एक धर्म के कारण हम सब एक हैं। यहाँ “एक” का तात्पर्य हिंदू संस्कृति से है, जो हमारे जीवन का मूल तत्व है। हिंदू राष्ट्र, हिंदू संस्कृति और हिंदू धर्म ही हमारी एकता के आधार हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति विविधता में एकता का प्रतीक है। भाषा, बोली, पहनावा, पूजा-पद्धति या रीति-रिवाज चाहे अलग हों, किंतु अंतर्मन से हम सब एक हैं। वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, महाभारत और गीता- सभी के प्रति श्रद्धा ही हमें जोड़ती है। शैव, वैष्णव, शाक्त, बौद्ध, जैन, सिख या अन्य किसी भी परंपरा में टकराव नहीं, बल्कि पारस्परिक सम्मान और स्वीकार्यता का भाव है।

कोठारी ने कहा कि भारत भूमि केवल भूखंड नहीं, बल्कि मातृभूमि, पितृभूमि, पुण्यभूमि और कर्मभूमि के रूप में पूजनीय है। उत्तर में हुए आक्रमणों के समय पूरा देश एकजुट होकर खड़ा हुआ, यही हमारी सांस्कृतिक एकता का परिचायक है। ऋषियों की कल्याणकारी भावना से बने इस राष्ट्र का उद्देश्य प्राणिमात्र का कल्याण है।
बैठक में उपस्थित समाज प्रमुखों और महिलाओं ने अपने-अपने समाज में किए जा रहे सकारात्मक कार्यों की जानकारी साझा की। साथ ही संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘पंच परिवर्तन’- समरसता संस्कार, स्वदेशी जीवन शैली, पर्यावरण अनुकूल जीवन, नागरिक कर्तव्य और कुटुंब प्रबोधन को अपने परिवार व समाज में अपनाने का संकल्प लिया।
सभी समाज प्रमुखों ने आगामी जनवरी में आयोजित होने वाले विराट हिंदू सम्मेलन में सक्रिय सहभागिता का संकल्प व्यक्त किया। कार्यक्रम में खंड संघचालक भुवन भवर की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन किशन राठौर ने किया, भूमिका सामाजिक सद्भाव जिला संयोजक मनीष राठौर ने रखी, परिचय सुनिल गुप्ता ने दिया और आभार निलेश जैन ने व्यक्त किया।





