Mhow Election-2023: त्रिकोणीय नही, मुकाबला चतुष्कोणीय, ऊंट किस करवट बैठेगा कहा नही जा सकता!
दिनेश सोलंकी की रिपोर्ट
इस बार महू विधानसभा (डॉ अम्बेडकर नगर) में विचित्र परिस्थितियां जन्म ले रही हैं। त्रिकोणीय संघर्ष, चतुष्कोणीय में बदल रहा है। जबकि अन्य दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय भी जोर मार रहे हैं। कांग्रेस से टूटे पूर्व विधायक निर्दलीय प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार और कांग्रेस प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला का प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है। आदिवासी संगठन जयस भी लगातार सक्रियता दिखाकर दोनों दलों की नींद हराम कर रहा है। आर एस एस ने भाजपा के पक्ष में घर-घर पहुंच कर अपना अभियान शुरू कर दिया है।
महू में इस चुनाव में किसी प्रकार से भी किसी के पक्ष में हवा नहीं बह रही है। भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर को अनेक गांवों में कार्यकर्ताओं और लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो उन्हें खरी-खोटी सुनाई जा रही है। इसके अलावा भाजपा से उखड़े हुए नेता जिन्होंने स्थानीय मुद्दे को लेकर स्थानीय प्रत्याशी की मांग खुलकर मंच से की थी, उनमें से कुछ औपचारिक रूप से भाजपा के पक्ष में नजर आ रहे हैं तो कुछ दूरी बनाए हुए हैं। इससे लगता है कि भाजपा में भीतरघात की संभावना है। अच्छी बात यह भी है की आर एस एस ने भाजपा के पक्ष में घर-घर पहुंच कर अपना अभियान शुरू कर दिया है
बात करें निर्दलीय प्रत्याशी अंतर सिंह दरबार की तो उनका प्रभाव कई गांवों और शहरी हिस्से में देखने को मिल रहा है। गुरुवार को जनसंपर्क के दौरान उन्हें चोट आने पर लोगों की सद्भावना और जुड़ती जा रही है, उनके जनसंपर्क में भीड़ ज्यादा बढ़ रही हैं। हालांकि उन्हें आदिवासी वोटों का सहयोग कम मिल रहा है, लेकिन उसकी पूर्ति ग्रामीण और शहरी मतदाताओं के रुझान से होती दिख रही है। जिसमें भी मुस्लिम मतदाता का रुझान ज्यादा दिखता है।
इधर कांग्रेस प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला अब पूरी ताकत के साथ मैदान में खड़े दिखाई दे रहे हैं। वह अपना जनसंपर्क दिन पर दिन तेज करते जा रहे हैं और उन्हें चाहने वाले भी सामने नजर आ रहे हैं। हालांकि वह भाजपा से टूट कर कांग्रेस में आए हैं तो इसकी संभावना भी बढ़ रही है कि रूठे हुए कांग्रेसी नेता उन्हें सेबोटेज कर सकते हैं। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भी उनके फेवर में है।
महू में चतुष्कोणीय संघर्ष आदिवासी संगठन जयस प्रत्याशी प्रेमसिंह मावी को लेकर भी दिखाई दे रहा है, जो आदिवासी क्षेत्र में है अपना संगठन मजबूत जताते नजर आ रहे हैं। उनकी रैली भी प्रभावशाली रही है और उनका यह दावा की महू तहसील में 70000 आदिवासी वोटो में वे 90% वोट हासिल करके दिखाएंगे,में भी थोड़ा दम दिखाई दे रहा है। क्योंकि कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी जब आदिवासी गांव जाते हैं तो उनके साथ आदिवासी बहुत कम नजर आते हैं।
महू विधानसभा से कुल 11 प्रत्याशी मैदान में है शेष सात प्रत्याशियों में जनता कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, आदि भी सम्मिलित है तो निर्दलीय भी साथ है। लेकिन इनका प्रभाव उक्त चारों प्रत्याशी के आगे जोर मारता नहीं दिख रहा है। हालांकि सब अपने-अपने तयी प्रयास कर रहे हैं और कतिपय निर्दलीय औपचारिकता जताते हुए भी दिख रहे हैं।
महू में धोक पड़वा जो की एक निराला त्यौहार है, इस बार चुनावी दंगल शक्ति प्रदर्शन के रूप में खुलकर दिखाई दे सकता है।
कुल मिलाकर,इस चतुष्कोणीय मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठेगा, कहा नही जा सकता!