Mines Conclave: भोपाल में 2 दिवसीय खनन कॉन्क्लेव 17-18 अक्टूबर को, देशभर के 600 से अधिक प्रतिनिधि जुटेंगे
भोपाल:राजधानी भोपाल में 17-18 अक्टूबर 2024 को खनन कॉन्क्लेव होने जा रही है। इसमें दुनियाभर के छह सौ से अधिक प्रतिनिधि जुटने वाले है। इस कॉन्क्लेव से मध्यप्रदेश को खनन और खनिज-आधारित उद्योगों का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।इससे राज्य में आर्थिक समृद्धि और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सभी हितधारकों, उद्योगपतियों और खनन क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया है।
भोपाल में होने जा रही खनन कान्क्लेव में राज्य में खनन, तेल, गैस और खनिज आधारित उद्योगों की व्यापक संभावनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा जो विकास की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं। खनन कॉन्क्लेव में केंद्रीय खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी, केन्द्रीय राज्य मंत्री एस.सी. दुबे और सचिव केन्द्रीय खान मंत्रालय वी.एल. कांता राव शामिल होंगे, जो राज्य में खनन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिये केन्द्र सरकार की ओर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराऐंगे इस कार्यक्रम में 600 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। इसमें एन.सी.एल, एच.सी.एल, एन.एम.डी.सी., ओ.एन.जी.सी., और जी.ए.आई.एल जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि और अन्य राज्यों के उद्योगपति शामिल होंगे। इसमें कोयला, चूना पत्थर, तेल और गैस, सहित अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की संभावनाओं पर चर्चा होगी। साथ ही खनन में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा। कॉन्क्लेव खनिज कंपनियों, उद्योग प्रतिनिधियों और अन्य प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाएगा, जिससे सहयोग और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा। इस आयोजन का उद्देश्य मध्यप्रदेश के समृद्ध खनिज संसाधनों को प्रदर्शित करना है, जिससे राज्य में निवेश को आकर्षित किया जा सके।
इस आयोजन में डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें खनन कार्यों में आॅटोमेशन के साथ एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग पर चर्चा होगी। कोल गैस (उइट) जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की संभावनाओं का भी अन्वेषण किया जाएगा। सीमेंट, ऊर्जा, और खनिज-आधारित उद्योगों से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा के लिए एक राउंड टेबल मीटिंग भी होंगी। कॉन्क्लेव में कई संस्थानों के साथ एमओयू भी होंगे, जो राज्य के खनन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से किए गए निवेश प्रस्तावों को औपचारिक रूप देंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश, खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है और देश के खनन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देश का एकमात्र राज्य है जो हीरे का उत्पादन करता है साथ ही मैंगनीज और तांबा अयस्क के उत्पादन में भी अग्रणी है, जो विभिन्न औद्योगिक उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा राज्य रॉक-फॉस्फेट उत्पादन में दूसरे, सीमेंट उद्योग के लिए आवश्यक चूना पत्थर उत्पादन में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है। कोल-गैस के उत्पादन में भी राज्य दूसरे स्थान पर है, जो वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों और स्थिरता की दिशा में उसकी प्रतिबद्धता को दशार्ता है। इस कॉन्क्लेव में आने वाले निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश सरकार हर संभव मदद करेगी