Minister bought vegetables : सिविल जज बनी अंकिता से मंत्री ने सब्जी खरीदी 

सिलावट बोले 'मैं भी इसी तरह मुश्किल हालात में सब्जी बेचा करता था'

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Minister bought vegetables : सिविल जज बनी अंकिता से मंत्री ने सब्जी खरीदी 

 

Indore : मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जज की परीक्षा पास करने वाली सब्जी बेचने वाले पिता की बेटी अंकिता नागर से मुलाकात की और उससे सब्जी खरीदी। सिलावट ने कहा कि मुझे अपने संघर्ष के वो दिन याद आ गए, जब मैं खुद अपने माता-पिता के साथ सब्जी बेचा करता था।

मूसाखेड़ी की सड़कों पर सब्जी बेचने वाली बेटी के हाथ में अब न्याय की तराजू है। अन्य बेटियां भी अंकिता से प्रेरणा लेकर अपनी मुश्किलों को पीछे छोड़ सफलता के पथ पर अग्रसर हों।

उन्होंने कहा कि आज मैं बेहद भावुक हूं। मैं भी अपने माता-पिता की सहायता के लिए सब्जी बेचा करता था। तेज बारिश हो या कितनी भी ठंड पड़े, सुबह जल्दी उठकर मंडी से सब्जी लाना फिर उसे दुकान पर सजाना, यही मेरी और मेरे परिवार की दिनचर्या थी। छावनी में आईके कॉलेज के गेट के समीप हमारी दुकान हुआ करती थी। सब्जी की दुकान से ही वक्त निकालकर मैं भी पढ़ाई किया करता था।

जब मुझे बेटी अंकिता नागर के बारे में पता चला तो आंखों के सामने 40-50 साल पहले के वह दृश्य दोबारा किसी चलचित्र की भांति घूम गए। इसलिए मैं बेटी अंकिता से मिलने खुद उनके घर आया और तमाम मुश्किलों के बीच अपनी बेटी को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने वाले उनके पिता अशोक नागर और मां लक्ष्मी नागर का भी सम्मान किया।

मंत्री ने इस दौरान अपनी बेटी को आगे बढ़ाने वाले उनके माता-पिता का अभिवादन किया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बेटी अंकिता की सफलता पर ख़ुशी व्यक्त की। बेटी अंकिता की सफलता इस बात का प्रमाण है की मेहनत के दम पर उच्च शिखर को छुआ जा सकता है।

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एक सब्जी बेचने वाला प्रदेश का कैबिनेट मंत्री बन सकता है, एक बेटी जज बन सकती है तो मेहनत और लगन से अन्य बच्चे भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है की सभी लाडली बेटियां आगे बढ़े, बेहतर शिक्षा हासिल करें और करियर की नई ऊंचाइयों को छूएं।

अपने सम्मान से अभिभूत अंकिता नागर ने कहा कि मैं बेहद खुश हूं कि मंत्री मेरे घर आए और हमारा सम्मान किया। यह जानकर मुझे खुशी हुई कि वह भी हमारी ही तरह सब्जी बेचा करते थे। सिलावट के प्रेरणा दाई शब्दों से मेरा हौसला और भी बढ़ा है।