Minister from Every Lok Sabha Constituency : नई सरकार में हर लोकसभा क्षेत्र से मंत्री बनाने का फार्मूला
Bhopal : सोमवार शाम पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री का नाम सामने आ जाएगा। लेकिन, भाजपा ने उसके आगे की भी तैयारी कर ली। मुख्यमंत्री का नाम फ़ाइनल होने के बाद मंत्रिमंडल के गठन में भी इस बार सभी लोकसभा क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने का फार्मूला बनाया गया है। यानी 29 लोकसभा क्षेत्रों में जहां भाजपा के विधायक जीते हैं, वहां से किसी एक का मंत्री बनना तो तय है। कुल 34 या 35 मंत्री पदों में से बाकी जगह बड़े क्षेत्रों को मिलेगी।
पार्टी ने यह फार्मूला लोकसभा चुनाव की निकटता को देखते हुए भी बनाया है। इस बार पार्टी का ध्यान 163 सीटें जीती भाजपा सरकार में इस बार सभी इलाकों को प्रतिनिधित्व देने का फार्मूला बनाया गया है। पिछली सरकार में कई जिले प्रतिनिधित्व से बाकी रह गए थे। यही कारण है कि संतुलन साधने के लिए नया फार्मूला तैयार किया गया है। मंत्रिमंडल में सभी 29 संसदीय क्षेत्रों अहमियत देने की तैयारी है। छिंदवाड़ा जैसे जिले जहां भाजपा का कोई उम्मीदवार नहीं जीता, वो इलाके खाली रह सकते हैं।
पिछले मंत्रिमंडल में कुछ इलाकों का दबदबा
बुंदेलखंड अंचल से शिवराज मंत्रिमंडल में 5 मंत्रियों को जगह मिली थी, जबकि लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से ये क्षेत्र खजुराहो, दमोह, टीकमगढ़ और सागर में बंटे हैं। मुरैना, सीधी, मंडला, जबलपुर, राजगढ़ और रतलाम और खंडवा लोकसभा क्षेत्र की विधानसभाओं से कोई विधायक मंत्री नहीं बना। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र भी खाली रहा, इस बार भी खाली ही रहेगा।
शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन सही नहीं रहा था। सिंधिया गुट के भाजपा में आने के बाद यह संतुलन बिगड़ गया था। इस कारण ग्वालियर, गुना, भिंड और ग्वालियर संसदीय क्षेत्रों से कई मंत्री बनाए गए। जबकि, कुछ इलाकों से कोई मंत्री नहीं बन सका। सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में हुए विस्तार में रीवा, टीकमगढ़ और बालाघाट को प्रतिनिधित्व मिला था।