मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास विभाग की समीक्षा की

मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केज कल्चर प्रणाली का उपयोग करें

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भोपाल. जल-संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल में निवास स्थित कार्यालय में विभागीय समीक्षा की। प्रमुख सचिव श्रीमती कल्‍पना श्रीवास्‍तव, संचालक मत्स्योद्योग श्री भरत सिंह, प्रदेश मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक पुरुषोत्तम धीमान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मंत्री श्री सिलावट ने विभागीय योजनाओं में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के जलाशयों में मत्स्य पालन किए जाने के संबंध में चर्चा की। साथ ही बड़े जलाशयों में केज पद्धति से मछली पालन को बढ़ावा देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

मंत्री श्री सिलावट ने मछुआ कल्याण नीति 2008 एवं सहकारी समितियों को पट्टा आवंटन की प्रक्रिया में संशोधन के संबंध में अब तक किए गए कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने मछुआ सहकारी समितियों में नए सदस्यों को जोड़ने की बात कही।  उन्होंने मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सभी जिले के अधिकारियों को बालाघाट जिले के पैटर्न पर काम करने को कहा। साथ ही 89 आदिवासी विकासखंड में मत्स्य पालन हेतु कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने मत्स्योत्पादन बढ़ाने के लिए जन-भागीदारी बढ़ाने और अक्रियाशील समितियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मछुआ क्रेडिट कार्ड की लक्ष्य समय-सीमा में पूरा किया जाए।