मंत्री जी के बेटे ने किया 25 करोड़ का हवाला!

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*मंत्री जी के बेटे ने किया 25 करोड़ का हवाला!*

मप्र के एक मंत्री जी के बेटे ने हवाला के जरिये लगभग 25 करोड़ की मोटी रकम सिंगापुर भेजी है। इस संबंध में एक केन्द्रीय जांच एजेंसी के हाथ कुछ सबूत लगे हैं। एजेंसी ने इसकी जानकारी दिल्ली तक पहुंचा दी है। जांच एजेंसी को आशंका है कि यही रकम विदेश के कुछ बैंक खातों से घुमाकर मंत्री जी के परिजन या रिश्तेदार के किसी स्टार्टअप को फाइनेंस के नाम पर वापस आ सकती है। जिन मंत्री जी के बेटे ने यह रकम सिंगापुर भेजी है उनके पास मलाईदार विभाग है। ठेकेदारों से कमीशन के नाम पर ही हर महीने करोड़ों रुपए आ रहे हैं। खबर तो यहां तक आ रही है कि मंत्री जी के बेटे की इन हरकतों के कारण मंत्री जी का राजनीतिक कैरियर चौपट हो सकता है।

*अफसर क्यों खरीद रहे हैं देवास में जमीनें!*

मप्र के अनेक अफसरों की नजर इस समय देवास जिले के हाटपिपल्या के आसपास की जमीनों पर पड़ गई है। खबर आ रही है कि बीते एक महीने में इस क्षेत्र में जमीनों के 2000 से अधिक सौदे हुए हैं। इनमें अनेक सौदे अफसरों ने अपने परिचितों के नाम पर किये हैं। दरअसल इस क्षेत्र में नया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने की खबर से ही यहां की जमीनें सोना उगलने लगी हैं। रात में सोते समय जिस जमीन का रेट 400 रुपये वर्गफीट होता है, सुबह वह 500-600 रूपए पहुंच जाता है। खास बात यह है कि यहां के लोग मप्र इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कार्पोरेशन से प्रस्तावित एयरपोर्ट का नक्शा निकाल लाये हैं। इस नक्शे को रखकर जमीनों की रेट तय हो रहे हैं। प्रस्तावित एयरपोर्ट 12 गांवों पितावली, रसलखेड़ी, गुरैया, खजुरियाबिना, उदयपुर, मऊखेड़ा, देवपिपल्या, अमरपुरा, पिपल्यासाहब, बिलावली, लसूडियालाइ, लालीपिपल्या की 2100 हेक्टेयर जमीन पर बनना है।

*आरोपी बगल में, डिढौरा शहर में!*

मप्र के सबसे बड़े और सबसे चर्चित ई टेंडर घोटाले में अभी तक दो चालान पेश हो गये। दोनों में मुख्य आरोपी फरार बताया गया। कोर्ट से दोनों का फैसला भी आ गया। सभी आरोपी बरी भी हो गये। इस पूरी कवायद में सबसे मजेदार बात यह सामने आई है कि ई टेंडर घोटाले में मेसर्स सौरठिया वैल्जी रत्न एण्ड कंपनी वडोदरा के जिस संचालक हरीश सरौठिया को अभी तक फरार बताया जा रहा है। वह एफआईआर के दिन से ही भोपाल की होशंगाबाद रोड़ की एक पाॅश काॅलोनी में शानदार बंगले में रह रहा है। काॅलोनी में कोने कोने में लगे सीसीटीवी फुटेज में वह कैद है। ई टेंडर का यह आरोपी सबको दिखाई देता है, लेकिन ईओडब्ल्यु को नहीं। मुख्य आरोपी का गिरफ्तार न होना और सभी आरोपियों का बरी होना यानि कुछ तो गड़बड़ है !!

*लोकायुक्त के शिकंजे में बड़े मगरमच्छ!*

ऐसा लगता है कि मप्र लोकायुक्त संगठन अपने ऊपर लग रहे इन आरोपों को गलत साबित करने में लगा है कि वह भ्रष्टाचार के मामले में बड़े बड़े मगरमच्छों को छोड़कर छोटी छोटी मछलियों को फंसाता है। पिछले तीन महीने में लोकायुक्त ने मप्र के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस तीनों केडर के अफसरों पर भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर अपनी छवि बदलने की कोशिश की है। बीते अक्टूबर में लोकायुक्त संगठन ने मप्र के तत्कालीन उद्यानिकी संचालक सत्यानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

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इसके कुछ दिन बाद निवाडी के तत्कालीन कलेक्टर आईएएस तरूण भटनागर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। अक्टूबर में ही मप्र के सबसे तेज तर्रार आईएएस रहे राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ जांच (पीई) पंजीबद्ध की गई। अब लोकायुक्त संगठन ने मप्र जेल विभाग के पूर्व डीजी आईपीएस संजय चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इन तीन एफआईआर और एक पीई ने मप्र के वरिष्ठ नौकरशाहों को हिलाकर जरूर रखा दिया है।

*साधना सिंह ने टाला टकराव!*

इस सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने सीएम की पत्नी नहीं किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में किरार-राजपूत टकराव को टालने में अहम भूमिका निभाई। दरअसल जैसे ही करणी सेना के कुछ उत्साही युवाओं का शिवराज सिंह चौहान को गाली-गलौज करने का वीडियो वायरल हुआ ग्वालियर चंबल संभाग में किरार समाज के लोग आग बबूला हो गये।

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करणी सेना के युवाओं की इस हरकत का जबाव देने किरार समाज के हजारों लोगों ने भोपाल कूच करने का फैसला किया। इसकी भनक लगते ही साधना सिंह सक्रिय हुईं। उन्होंने समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का फर्ज निभाया और समाज के लोगों को समझाइश देकर उन्हें रोकने का काम किया। साधना सिंह की सूझबूझ से दो समाजों का टकराव टल गया। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बड़ी घटना पर संतुलित बयान देकर माहौल को ठण्डा कर दिया है।

*गुस्से में गौरीशंकर!*

मप्र के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक गौरीशंकर बिसेन आजकल गुस्से में हैं। कभी वे धमकी दे रहे हैं कि राज्य सरकार की शिकायत दिल्ली में प्रधानमंत्री से करेंगे। कभी वे मीडिया के जरिये राज्य सरकार से सवाल कर रहे हैं पिछले साल खरीदा गया 1.9 करोड़ मैट्रिक टन गेंहू कहां गया? कभी भी सार्वजनिक रूप से आरटीओ को गालियां देते हैं जिसका वीडियो जमकर वायरल होता है।

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भाजपा में इस बात की तलाश की जा रही है कि आखिर अचानक बिसेन का पारा सातवें आसमान पर क्यों पहुंच गया है। जबकि शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाकर केबिनेट मंत्री का दर्जा भी दे रखा है। दरअसल बिसेन अगला चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। मप्र में मंत्री बनने की कसक अभी भी बनी हुई है। मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा और बिसेन का इस तरह सक्रिय होने का आपस में कुछ तो संबंध है।

*और अंत में…!*

मप्र के शाजापुर कलेक्टर डीके जैन का एक नवाचार प्रदेश के प्रशासनिक हल्के में जमकर सराहा जा रहा है। दरअसल कोविड के बाद कम उम्र के लोगों की हार्टफेल से अचानक मौत होने की खबरों ने सबको हिला रखा है। शाजापुर कलेक्टर डीके जैन ने रेडक्रास के सहयोग से जिले के 100 मेडीकल स्टोर्स पर बीपी चैक करने की व्यवस्था की है। दवा लेने आने वाले 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का बीपी फ्री चैक किया जा रहा है। पिछले दो सप्ताह में एक हजार से अधिक लोगों का बीपी चैक किया गया है। इनमें लगभग 20 से अधिक ऐसे लोग मिले हैं जिनका बीपी (ब्लड प्रेशर) बढ़ा रहता है, लेकिन उन्हें पता ही नहीं था। कलेक्टर के इस नवाचार से शाजापुर जिले में बीपी और हृदय रोग को लेकर जागरूकता आ रही है।