Miracle Leaf: कुछ ख़ास है कुछ पास है-पत्थर पर गिर जाए तो वहां भी पनप जाय “पत्थरचट्टा

559

Kalanchoe pinnata;

Miracle Leaf: कुछ ख़ास है कुछ पास है-पत्थर पर गिर जाए तो वहां भी पनप जाय “पत्थरचट्टा”

स्वदेश सिलावट
      आज हम आपको एक ऐसे ही  पौधे के बारे में बताएंगे, जो कि हमारे शरीर के विभिन्न रोगों में बहुत ही लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेद में इसके गुणों की संपूर्ण रूप से व्याख्या की गई है. इस पौधे का नाम है पत्थरचट्टा. यह एक सदाबहार पौधा है. यानि यह पौधा हर मौसम में हमेशा हरा भरा बना रहता है. पत्थरचट्टा के पत्ते हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं. इसके रस का प्रयोग हम रोगों से मुक्ति के लिए कर सकते हैं. पत्थरचट्टा. कई जगह इसे खट्टूआ भी कहा जाता है.
आप सोचिए, जब यह हवा में भी अपने पत्ते के दम पर पनप सकता है तो फिर यदि पत्ता, पत्थर पर गिर जाए तो वहां क्यों नहीं पनप सकता. इसलिए ही तो इसका नाम पत्थरचट्टा पड़ा है.। इसके पत्तों के किनारों से नया पौधा निकलता है।पत्थरचट्टा एक बारहमासी पौधा है जो भारत के सभी राज्यों में पाया जाता है. इसे आमतौर पर एयर प्लांट के नाम से भी जाना जाता है. पत्थरचट्टा के पत्ते गद्दे की तरह मोटे होते हैं और इनके किनारे कांटेनुमा धारियां होती हैं. पत्थरचट्टा के पत्ते हरे रंग के होते हैं और इनमें लंबे खोखले तने होते हैं. पत्थरचट्टा के पत्तों के किनारों से नया पौधा निकलता है. पत्थरचट्टा के पत्ते कड़वे होते हैं और इनका स्वाद खट्टा और नमकीन होता है. पत्थरचट्टा के पत्तों में एस्कॉर्बिक एसिड, राइबोफ्लेविन, थायमिन, और नियासिन जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं.
पत्थरचट्टा के फायदे: जोड़ों के दर्द के लिए है जादुई दवा | Pattachatta benefits for joint pain in hindi - India TV Hindiपत्थरचट्टा के फायदे औषधीय गुण और नुकसान - Patharchatta khane ke fayde, tarika, vidhi aur Nuksan in Hindi
वैसे इस पौधे का औषधि महत्व भी बहुत है. यदि आपको पथरी है तो आप इसका रोज पत्ता खाइए, पथरी निकल जाएगी. और यदि आपको कहीं शरीर पर ऐसी फुंसी हो गई है जो दर्द दे रही हो और पक नहीं रही है तो उस पर इसे हल्दी और तेल के साथ बांध दें, वह पककर फूट जाएगी.आमतौर पर पत्थरचट्टा का पौधा विभिन्न रोगों में प्रयोग किया जाता है. जिसमें इसके पत्तों का काढ़ा बनाया जाता है. अर्क निकालकर भी प्रयोग किया जाता है. साथ ही फोड़ा, फुंसी और सूजन की समस्या होने पर इसका लेप बनाकर भी प्रयोग किया जाता है.
और अगर आप इसके पौधे को नहीं काटेंगे, तो उस पर सुंदर सा फूल का गुच्छा भी आएगा. यद्यपि उसके बाद उस पौधे का जीवन चक्र पूरा हो जाएगा. किंतु तब तक वह अपने पत्तों को जमीन पर टपका कर सैकड़ो पौधे बना चुका होगा.
246461776 109803214822009 8149422255428104554 n
स्वदेश सिलावट
लेखक पूर्व जनसम्पर्क अधिकारी हैं .बागवानी विशेषज्ञ भी .
नोट.यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें