Mission Chandrayaan : लैंडर के चांद पर उतरने से पहले की तैयारियां शुरू! 

डीबूस्टिंग के बाद लैंडर की गति नियंत्रित रखना बड़ी चुनौती! 

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Mission Chandrayaan : लैंडर के चांद पर उतरने से पहले की तैयारियां शुरू! 

Bengaluru : भारत का चंद्रयान-3 चांद के नजदीक पहुंच गया। अब जो चल रहा है, वो इस मिशन का आखिरी चरण है। इसरो के मुताबिक, लैंडर की गति नियंत्रित कर ली गई और वह अब चांद की तरफ ले जाने वाली कक्षा में मुड़ गया है। अभी तक सब कुछ ठीक चल रहा है। अब चुनौती यही है कि चांद पर उतरने से पहले लैंडर की गति कम रहे, ताकि सॉफ्ट लैंडिंग हो सके।

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि इस मिशन का सबसे अहम हिस्सा लैंडर की स्पीड को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से अंतिम लैंडिंग तक कम करना है, जिससे सॉफ्ट लैंडिंग हो सके। यह वो जगह है जहां हमें अपनी काबिलियत दिखाना होगी। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल गुरुवार को सफलतापूर्वक अलग हो गए। इसरो ने कहा कि प्रणोदन मॉड्यूल वर्तमान कक्षा में अपनी यात्रा महीनों और वर्षों तक जारी रखेगा।

लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल 20 अगस्त को दूसरी ‘डिबूस्टिंग’ (गति कम करने की प्रक्रिया) से गुजरेगा। इसके तहत इसे एक कक्षा में उतारा जाएगा जो इसे चंद्रमा की सतह के बहुत करीब ले जाएगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है।

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14 जुलाई के प्रक्षेपण के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था। एक अगस्त को एक महत्वपूर्ण कवायद में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से सफलतापूर्वक चंद्रमा की और भेजा गया और अब वह सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी में है।

दूसरी डिबूस्टिंग कल रात 2 बजे 

इसरो ने ट्वीट किया कि लैंडर मॉड्यूल की स्थिति सामान्य है। एलएम ने सफलतापूर्वक एक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा कर लिया जिससे अब इसकी कक्षा घटकर 113 किलोमीटर x 157 किलोमीटर रह गई। दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया 20 अगस्त को भारतीय समयानुसार देर रात 2 बजे की जाना है। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल गुरुवार को सफलतापूर्वक अलग हो गए थे। चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।