वित्तीय अधिकार को लेकर गफलत, कई जिलों में पूर्व सरपंचो, जिपं अध्यक्षों को पॉवर देने का निर्णय होल्ड

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भोपाल: पंचायत चुनाव के लिए आचार संहिता खत्म होने के बाद ग्राम पंचायतों के वित्तीय अधिकार दिए जाने को लेकर दो दिन पहले जारी आदेश को लेकर जिलों में गफलत की स्थिति बन गई है। कई जिलों के कलेक्टरों ने इस आदेश पर एक्शन के निर्देश जिलों में जारी करने के बाद उस आदेश को ही निरस्त कर दिया है वहीं कई जिलों में शासन के नए आदेश पर एक्शन लेने के बजाय उसे होल्ड पर रखकर शासन के नए निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।

शासन द्वारा चार जनवरी को जारी आदेश में कहा गया था कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव कार्यक्रम निरस्त किए जाने के बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता समाप्त हो गई है। ग्राम पंचायतों में बैंक खातों के संचालन की व्यवस्था ऐसे में पूर्ववत ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान प्रशासकीय समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाना है। इसी प्रकार जनपद पंचायत और जिला पंचायत में भी प्रधान प्रशासकीय समिति पूर्व की भांति काम करते रहेंगे।

आगामी आदेश तक यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिए गए थे। इसके बाद कई जिलों में कलेक्टरों ने शासन के आदेश के मद्देनजर पंचायतों की बैंक खाता संचालन व्यवस्था बदलने के आदेश स्थानीय स्तर पर जारी कर दिए, वहीं कई जिलों में इसको लेकर कोई आदेश नहीं जारी हुए क्योंकि आदेश के आधार पर यह माना गया कि इस फैसले को होल्ड पर रखना है।

कटनी, नीमच और राजगढ़ समेत कई जिलों के कलेक्टरों ने 4 जनवरी के आदेश के आधार पर जारी नए आदेश कल शाम को वापस ले लिए थे। अफसरों के मुताबिक सचिवों और प्रधान प्रशासकीय समिति को अधिकार देने संबंधी आदेश होल्ड पर रखने और नहीं रखने को लेकर अभी भी गफलत की स्थिति है क्योंकि शासन ने इस आदेश को निरस्त करने को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं।

उधर राज्य निर्वाचन आयोग की वीसी आज
दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर सभी जिलों को उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, जिला स्तरीय प्रोग्रामर, निर्वाचन अधीक्षक और वेंडर के प्रतिनिधि की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक बुलाई है। यह बैठक सात जनवरी को शाम को होगी जिसमें पंचायत चुनाव से संबंधित तैयारियों को लेकर निर्देश दिए जाएंगे।