ग्वालियर: शासकीय धनराशि निकालकर उसका निर्माण कार्य पूर्ण कराने में उपयोग न करने अर्थात शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाले पूर्व सरपंचों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी श्री आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत कछौआ की पूर्व सरपंच श्रीमती विमला को जेल भेजने के लिये वारंट जारी किया है। पूर्व सरपंच को 30 दिवस के लिये जेल में रखने के निर्देश भारषाधक अधिकारी अर्थात अधीक्षक केन्द्रीय कारागार को दिए गए हैं।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कछौआ के लिए राज्य संचालनालय से स्वीकृत सामुदायिक भवन एवं 14वाँ वित्त आयोग के तहत नाली व पुलिया निर्माण के लिए कुल 7 लाख 71 हजार रूपए की राशि मंजूर की गई थी। तत्कालीन सरपंच श्रीमती विमला द्वारा इस राशि से कार्य को न कराया जाकर लगभग 3 लाख 86 हजार रूपए की राशि अनाधिकृत रूप से अपने पास रखकर उसका दुरूपयोग किया गया है।
ग्राम पंचायत कछौआ की सरपंच श्रीमती विमला के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने हेतु युक्तियुक्त समय दिया गया। किंतु उन्होंने रकम नहीं चुकाई। प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु पूर्व सरपंच द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई।
इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन जेल में सुपुर्द करने के लिए वारंट जारी कर दिया है।