विश्व भर में पसंद किए जाने वाले मिथिला मखाने को मिला GI Tag

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विश्व भर में पसंद किए जाने वाले मिथिला मखाने को मिला GI Tag

सीता माता के नाम से संबद्ध बिहार के मिथिला इलाके को लंबे प्रयास के बाद अब एक नयी पहचान मिल गईं है।मिथिला के मखाना को केंद्र सरकार ने मिथिला मखाना के जीआई टैग से नवाजा है। मिथिला के लोग लंबे समय से मखाना की जीआई टैगिंग मिथिला मखाना के नाम से करने की मांग कर रहे थे। इधर, बिहार सरकार ने मिथिला की मशहूर रोहू मछली को भी जीआई टैग दिलाने के लिए केंद्र से संपर्क करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने मिथिला क्षेत्र की रोहू मछली के अध्ययन और रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो विशेषज्ञों को नियुक्त किया है। बिहार के ‘कतरनी चावल’, ‘जरदालु आम’, ‘शाही लीची’ और ‘मगही पान’ को अब तक जीआई टैग प्राप्त है।
मिथिला की पहचान कई नामों से है, लेकिन अब इनमें मखाना का अपना एक अलग स्थान हो गया है।लंबे समय से मिथिला के लोग मखाना की जीआई की मांग कर रहे थे।बीच में बिहार मखाना के नाम के प्रस्ताव पर लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई थी।मखाना को ‘मिथिला मखाना’ के नाम से ही जीआई टैग मिला है। भारत सरकार के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा ट्वीट कर कहा है कि जीआई टैग से पंजीकृत हुआ मिथिला मखाना, किसानों को मिलेगा लाभ और आसान होगा कमाना।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जैसे ही मिथिला मखाना से जीआई टैग मिलने की सूचना दी तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।

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केंद्र सरकार ने बिहार के मिथिला मखाना को जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग दे दिया है।इससे मखाना उत्पादकों को अब उनके उत्पाद का और भी बेहतर दाम मिल पाएगा।मिथिला का मखाना किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ रोजगार उपलब्ध करा रहा है। मिथिला का मखाना अपने स्वाद, पोषक तत्व और प्राकृतिक रूप से उगाए जाने के लिए प्रख्यात है। भारत के 90% मखानों का उत्पादन बिहार में ही होता है।देश से लेकर विदेश तक के बाजार में इसकी मांग है।

क्‍या होता है जीआई टैग
जीआई टैग एक उत्पाद को एक विशेष क्षेत्र से उत्पन्न होने की पहचान करता है। मिथिला क्षेत्र में बिहार, झारखंड और नेपाल के पूर्वी तराई के जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं।जीआई टैग से पहले किसी भी सामान की गुणवत्ता, उसकी क्‍वालिटी और पैदावार की अच्छे से जांच की जाती है। यह तय किया जाता है कि उस खास वस्तु की सबसे अधिक और वास्तविक पैदावार निर्धारित राज्य की ही है। इसके साथ ही यह भी तय किए जाना जरूरी होता है कि भौगोलिक स्थिति का उसके उत्‍पादन में कितना योगदान है। वर्ल्‍ड इंटलैक्‍चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग एक प्रकार का लेबल होता है जिसमें किसी प्रॉडक्‍ट को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है। भारत में वाणिज्‍य मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्‍ट्री प्रमोशन एंड इंटरनल ट्रेड की तरफ से जीआई टैग दिया जाता है।