Mobile Game Addiction : मोबाइल गेम खेलने से रोका तो साइकिल से इंदौर भाग आया!

गेम डेवलपर बनने के लिए उज्जैन से भागा नाबालिग

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Indore : आठवी कक्षा में पढऩे वाले 13 साल के छात्र को मां ने मोबाइल पर फ्री-फायर गेम खेलने से रोका तो वह इतना नाराज हो गया कि वह घर से भाग गया। बैग में कपड़े भरे और साइकिल से निकल पड़ा। मां का मोबाइल भी साथ ले गया। बच्चा 55 किमी साइकिल चलाकर उज्जैन से इंदौर पहुंच गया। पुलिस ने उसे ढूंढ लिया और परिजनों के सुपुर्द किया।
उज्जैन की कैलाश अंपायर कॉलोनी से आठवीं कक्षा का छात्र लापता हो गया था। वह घर से साइकिल से मेन रोड तक आने के लिए निकला, जहां स्कूल बस आना थी। पीछे-पीछे मां पैदल चलकर पहुंचीं। मां जब मेन रोड पर पहुंची, तो वहां बेटा नहीं दिखा। उन्होंने घर लौटकर देखा तो वहां भी नहीं मिला। उनका मोबाइल भी घर पर नहीं था। आसपास तलाश की, कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को जानकारी दी।
पुलिस ने नाके के सीसीटीवी फुटेज देखे, जिसमें वह साइकिल से इंदौर की तरफ जाता दिखाई दिया। पुलिस ने बच्चे की मां की मोबाइल लोकेशन ली, जो उस लड़के के पास था और टीम को रवाना किया। पुलिस इंदौर के मरीमाता चौराहे से उसे खोज लाई।
बच्चे ने पुलिस को बताया कि मां ने मोबाइल पर गेम खेलने को लेकर डांटा था। गेम भी डिलीट करा दिया। इससे गुस्सा होकर वह स्कूल बैग में अपने कपड़े और मां का मोबाइल रखकर साइकिल से निकल गया। इंदौर से मुंबई जाने का विचार करके वह निकला था। उसे मोबाइल गेम डेवलपर बनना है।
इस पर पुलिस ने उसे छोटी उम्र का हवाला देकर समझाया कि जो भी बनना चाहते हो, 18 साल की उम्र के बाद करना। पुलिसकर्मियों ने उसकी साइकिल जीप में रखी व बालक को गाड़ी में बैठाकर उज्जैन लाए। इसके बाद बच्चे को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।