Mobile Not Found : बेकरी कारोबारी ने फांसी लगाई, मोबाइल कहां गया !
Indore : मनोरमागंज में रहने वाले नामी बेकरी व्यवसायी मनीष लुल्ला ने मंगलवार को अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के समय उनकी पत्नी रिश्तेदार के यहां गई थी। पुलिस ने फ्लैट की सर्चिंग की, लेकिन वहां न तो कोई सुसाइड नोट मिला न मोबाइल। पत्नी भी बयान देने की स्थिति में नहीं थी। पुलिस ने मोबाइल के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई।
पलासिया पुलिस के अनुसार मृतक मनीष पिता रमेश लुल्ला (45) ने वाइब्रेंट टावर के अपने फ्लैट में मंगलवार को पत्नी के दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। रात में पत्नी जेसमीन जब फ्लैट पर पहुंची तो काफी देर तक डोर बेल बजाने के बाद भी मनीष ने दरवाजा नहीं खोला। कॉल किया तो पिक भी नहीं किया। जिसके बाद चाबी बनाने वाले को बुलाया गया।
जब फ्लैट का ताला खोला तो पति फंदे पर लटके मिले। उन्होंने पत्नी के दुपट्टे से फांसी लगाई थी, जिन्हें उतारकर नजदीक के अस्पताल ले जाया गया। य हां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मनीष केक्स एंड क्राफ्ट बेकरी के मालिक थे। मनीष के दो भाई धीरज और सिद्धार्थ स्कीम नं. 54 में रहते हैं। उनके बच्चे मुंबई में पढ़ाई करते हैं। घटना के बाद उनका मोबाइल भी पुलिस को नहीं मिला।
टीआई संजय बेस के मुताबिक मनीष ने आत्महत्या क्यों की, इसका पता लगाया जा रहा है। गमजदा होने के कारण परिजनों से पूछताछ नहीं हो पाई है। उनकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। आत्महत्या से पहले उन्होंने किस-किस से बात की, उनकी लिस्ट बनाकर जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि वे कल दिनभर गुमसुम थे। साथ ही आर्थिक स्थिति पर भी जांच की जा रही है।
जिस कमरे में फांसी लगाई, उसे पुलिस ने सील कर दिया है। मनीष के बड़े भाई धीरज डेली कालेज की गवर्निंग बाडी में ओल्ड डेलियंस कैटेगरी के सदस्य हैं। पारिवारिक मित्रों के अनुसार पति-पत्नी में थोड़ी सी अनबन हुई थी। बेटा और बेटी मुंबई में पढ़ते हैं। एडीसीपी जोन-3 राजेश रघुवंशी के मुताबिक, मनीष लुल्ला के केक्स एंड क्राफ्ट के नाम से कई आउटलेट्स हैं। वे यशवंत क्लब के सदस्य भी रहे हैं। रात करीब 9 बजे पलासिया पुलिस को सूचना मिली कि मनीष ने दुपट्टे से फांसी लगा ली। स्वजन ही उन्हें एबी रोड स्थित निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डाक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, दोपहर से ही मनीष ने परिवार और मित्रों के फोन नहीं उठा रहे थे। रात करीब नौ बजे पत्नी घर पहुंची तो घंटी भी बंद थी। उन्होंने ड्राइवर सोनू बौरासी को ताले वाले को लाने को भेजा और दूसरी चाबी बनवाई। चाबी मिलने पर दरवाजा खोला तो मनीष दुपट्टा और सलवार से बने फंदे पर लटके मिले। मनीष के भाई धीरज से पुलिस ने पूछा तो उन्होंने आत्महत्या के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही। उन्होंने बताया कि वे मैच देख रहे थे।