Mobile Phones-Distracted Driving: ड्राइविंग में मोबाइल बन रहा समस्या, DIG ने व्यक्त की व्यथा और किया जागरूक
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर । हाल ही में पदस्थ रतलाम रेंज के पुलिस डीआइजी मनोजकुमार सिंह अपने प्रथम आधिकारिक प्रवास पर मंदसौर – नीमच पहुंचे ।
इसी दौरान उनके साथ हुए घटनाक्रम का वृत्तांत स्वयं श्री सिंह ने अपने शब्दों में साझा किया और सोशल मीडिया पर भी जागरूकता के लिये प्रस्तुत किया है ।
उनके शब्द …आप गाड़ी चलाते वक़्त ध्यान दें
कल जब मैं रतलाम से नीमच जा रहा था तो एक बड़ी संभावित दुर्घटना से बचा ।हुआ यूं कि पिपलिया मंडी के पास फोरलेन के मरम्मत का कार्य चल रहा है। नीमच की तरफ जाने वाले मार्ग (टूलेन) मरम्मत हेतु बंद था तो मंदसौर आने वाले मार्ग ( टूलेन) में ही आवागमन जारी था । लगभग 3 किलोमीटर में एक साइड में ही आवागमन जारी था। नीमच की तरफ से एक SUV चालक अपने मोबाइल हाथ में लिए बातचीत में मशगूल होकर गाड़ी दाहिने तरफ से गाड़ी ड्राइव कर रहा था ।वह निश्चिंत था कि मैं सही लेन में हूं। मेरी गाड़ी भी उसी लेन में आगे बढ़ रही थी चूंकि मार्ग एकांगी हो गया था तो उसे अपने बाएं तरफ से चलना था। इन परिस्थितियों में दुर्घटना अवश्यंभावी थी। ऐन वक्त उसका ध्यान मोबाइल से हटा और एक बड़ी दुर्घटना होने से हम सब बच सके । बाद में तत्काल SUV चालक को एहसास हुआ ।
आजकल distracted (विचलित ) driving सबसे बड़ा कारण वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बातचीत करना है। फोन पर बातचीत मस्तिष्क का एक बड़ा हिस्सा घेरती है और एक छोटा हिस्सा ही ड्राइविंग में कार्यशील होता है। मस्तिष्क का यह विभाजन प्रतिक्रिया समय और फैसले की क्षमता में बाधा पहुंचाता है और टक्कर का दुर्घटना का कारण बन जाता है। अतः ड्राइविंग के दौरान टेलीफोन / मोबाइल का उपयोग ना करें। यह न भूलें कि आपकी चूक स्वयं की और अन्य की जान की आफ़त बन सकती है । ध्यान पूर्वक मार्ग पर चलें ड्राइव करें । ( चित्र में घटना का विवरण चित्रित करने का प्रयास किया है )
श्री सिंह कहते हैं कि नियम कानून सब हैं और सबकी सुरक्षा के लिये महत्वपूर्ण हैं पर उदासीनता और लापरवाही जीवन भर का संताप दे जाती है । नागरिकों को इसकी गंभीरता को समझना चाहिए । चालान या जुर्माना भरना ही समाधान नहीं है । आप सही ड्राइविंग करेंगे , बिना मोबाइल पर बात किये , बिना नशा किये , निर्धारित स्पीड में , सही नियंत्रण में तो अपना ही नहीं समाज का भी हित होगा ।
एक्सीडेंट में औसतन प्रतिदिन 400 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं इससे अधिक अंग भंग के लाखों शिकार होरहे हैं । नियंत्रित ड्राइविंग और नियमों का पालन ही समाधान होसकता है ।
वरिष्ठ IPS अधिकारी मनोजकुमार सिंह मंदसौर एवं नीमच जिलों में पुलिस अधीक्षक रहे हैं और सारी भौगोलिक स्थितियों से वाकिफ़ हैं । रतलाम रेंज डीआइजी पद ग्रहण करते समय आपने पुलिसिंग और प्राथमिक दायित्वों के साथ यातायात और परिवहन पर विशेष ध्यान देने की बात की ।
ज्ञातव्य है कि महू – नीमच प्रांतीय राजमार्ग पर आए दिन दुर्घटनायें होरही हैं , सड़क मार्ग पर ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित किये गए हैं जिनके सुधार कार्य प्रगति पर है ।
जागरूक और सक्रिय डीआइजी श्री सिंह से उम्मीद की जारही है कि रतलाम – मंदसौर – नीमच जिलों का पुलिस बल , यातायात पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर समन्वित प्रयास कर ठोस कार्ययोजना पर काम करेंगे । इस क्षेत्र में गरोठ , नामली , रतलाम झाबुआ आदि में नवनिर्मित 8 लेन एक्सप्रेस हाइवे बनकर तैयार है ।
सड़कों पर सुरक्षा के साथ जागरूकता महत्वपूर्ण है ।