Mobile Tower : 3G मोबाइल टावर के उपकरण चुराने वाली 2 भाइयों की गैंग पकड़ाई!

201

Mobile Tower : 3G मोबाइल टावर के उपकरण चुराने वाली 2 भाइयों की गैंग पकड़ाई!

दिल्ली, मेरठ मंडियों में स्क्रैप कर बेचते, अन्तर्राज्यीय गैंग के 5 आरोपी पुलिस के हाथ लगे!

Indore : क्राइम ब्रांच ने ऐसी गैंग को पकड़ा है, जो विभिन्न राज्यों, शहरों से 3 जी मोबाइल टावर के उपकरण चुराती थी। चोरी का माल दिल्ली, मेरठ की स्क्रेप मंडियों में सस्ते दाम पर बेच देते थे। गैंग का एक सदस्य पूर्व में उड़ीसा में इसी तरह के अपराधों में जेल की सलाखों के पीछे जा चुका है। वारदात को अंजाम देने वालों में दो सगे भाई भी शामिल है।
एडिशनल पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया के अनुसार, वोडाफोन आईडिया कंपनी लिमिटेड के जनरल मैनेजर फरियादी अम्बरीश तिवारी ने इस संबंध में चोरी की शिकायत पिछले दिनों दर्ज कराई थी। इसमें आरोपीगणों द्वारा ठेके लेने के नाम पर मप्र के अलग-अलग शहरों में स्थित आईडिया वोडाफोन कंपनी के टावरों से टावर उपकरण जिनकी अनुमानित कीमत 8 करोड़ हैं, गोडाउन में जमा न करते हुए चुराकर ले गए थे। वारदात के बाद से बदमाश फरार चल रहे थे।

कई राज्यों में दबिश दी

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच ने टीम गठित की थी। टीम ने आरोपियों की तकनिकी जानकारी निकालते हुए बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा में कई दिनों तक डेरा डाला। इस दौरान लगातार संदेहियों की तलाश की। मशक्कत के बाद टावर उपकरण चोरी करने के मामले में पांच आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली। टीम ने पटना और दिल्ली से इमरान मलिक पिता अब्दुल वाहिद निवासी मेरठ, उसका भाई उस्मान मलिक, आबिद पिता अजीज मलिक निवासी मेरठ, राकेश उर्फ सचिन सिंह पिता रंजीत कुमार सिंह निवासी सहरसा बिहार तथा संजीव पिता रतन कुमार निवासी खगड़िया बिहार को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपियों ने वारदात करना कबूल किया।

मेंटेनेंस का करते थे काम

आरोपी संजीव ने भोपाल और सचिन ने नांदेड़ से बीटेक किया है। इनकी गैंग के कई सदस्य पूर्व में मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात में विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों में मेंटेनेंस का काम करते थे। आरोपी उस्मान इंदौर और अन्य जिलों से चोरी का माल लेकर मेरठ में इमरान, आबिद के माध्यम से बेच देता था।

विभिन्न हिस्सों में सप्लाय किया

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) समेत कीमती पार्ट्स चुराते थे। फिर हेराफेरी कर कबाड़ियों माध्यम से देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाय करते थे। जानकारी मिली है कि इस तरह के रेडियो रिसीवर यूनिट की चीन-दुबई में भारी खपत व डिमांड है। इस संबंध में विवेचना की जा रही है ।

ठेका लेने वाले की भूमिका संदिग्ध

आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी और प्रकरण में की जा रही विवेचना के आधार पर टेलीकॉम कंपनी से ठेका लेने वाली कंपनी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। भूमिका को लेकर बारीकी से जांच की जा रही है। आरोपी घटना दिनांक से ही झारखंड, बिहार, उ.प्र., दिल्ली राज्यों में फरारी काट रही थे। उस्मान पूर्व में उड़ीसा से पकड़ा चुका है, उसके मेरठ के विभिन्न थानों में अपराध पंजीबद्ध हैं।