विनय ही जीवन का सच्चा आभूषण और सिंगार हैं–राष्ट्र संत कमलमुनी जी
रतलाम विनय के अभाव में सीखा हुआ अमृत जैसा ज्ञान भी जहर में परिवर्तित हो जाता हैं।विकास के स्थान में विनाश होता हैं,उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश चार विद्यालय कि विद्यार्थियों अध्यापकों और नागरिकों को संयुक्त संबोधन में कहा कि विनय ही जीवन का सच्चा आभूषण और सिंगार हैं।
उन्होंने कहा कि विनय अपनाने वाला ही ज्ञान और धर्म का सच्चा पात्र है सामान्य व्यक्ति भी महापुरुषों की श्रेणी में आ सकता हैं।
मुनि कमलेश ने बताया कि विनय वान हीं लोकप्रिय बन सकता हैं विनय धर्म और परमात्मा का दूसरा नाम हैं।
राष्ट्रसंत ने कहा कि विनय का गुण आने पर बाकी सारे गुण स्वत है जीवन में प्रवेश कर जाते हैं इसके अभाव में सारी अच्छाइयां चली जाती।
उक्त जानकारी देते हुए अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं जैन कांफ्रेंस वैयावच्चय योजना के प्रांतीय मंत्री संदीप रांका जावरा एवं जिलाध्यक्ष शेखर नाहर ने बताया की जैन संत श्री कमलमुनी जी म. सा. ने फरमाया कि विश्व के सभी धर्मों का प्रवेश द्वार ही विनय हजारों विद्यार्थियों ने पर्यावरण राष्ट्रीय एकता स्वच्छता का संकल्प लिया नशा मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए अभियान शुरू किया अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच दिल्ली की ओर से सभी को प्रसाद वितरित किया गया।ग्राम पंचायत केसरपंच ने राष्ट्रसंत श्रमण संघीय मंत्री श्री कमलमुनी जी म.सा.के पिपलोदा आगमन पर की, कामधेनु सर्किल एवं गोशाला बनाने का प्रस्ताव पास कर जल्द से जल्द निर्माण करनें की घोषणा भी की,जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा पिपलोदा आगमन पर भावभीनी अगवानी की।
इस दौरान अतुल गोड,श्याम बिहारी पटेल,पार्षद प्रवीण सिंह, सरपंच भैरुलाल,पवन पटवा, यशवंत सुराणा,शांतिलाल मोगरा आदी उपस्थित रहे।