भारत की पहचान बन गए मोदी – गिरीश गौतम

439
भारत की पहचान बन गए मोदी - गिरीश गौतम
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम कनाडा के हैलीफेक्स में 65 वीं काँमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कांफ्रेंस में शामिल होकर 26 अगस्त को वापस लौटे हैं। गौतम ने कनाडा के हैलीफैक्‍स में 21 से 25 अगस्‍त तक आयोजित 65 वीं कॉमनवेल्‍थ पार्लियामेंट्री कांफ्रेंस  में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया। भारतीय संसदीय दल की अगुवाई लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने की। कोरोना काल के बाद आयोजित इस सम्मेलन मेें वैसे तो आठ सत्र थे, लेकिन अध्यक्षों के लिए दो सत्र आयोजित थे। कनाडा की धरती पर भी भारत की विशेष पहचान देखकर विधानसभा अध्यक्ष की खुशी कई गुना बढ़ गई। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में भारत की पहचान बन गए हैं। भारत का नाम आते ही मोदी के नेतृत्व का असर विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने कनाडा में भी महसूस किया। खास तौर से भारत के अमृत महोत्सव की झलक कनाडा के हैलीफेक्स और टोरंटो में देखकर विधानसभा अध्यक्ष को अपने देश पर गर्व की अनुभूति हुई। प्रवासी भारतीयों के हाथों में तिरंगा तो था ही, वहीं अपने-अपने प्रदेश की झांकी तैयार कर प्रदर्शन बता रहा था कि राष्ट्रभक्ति विदेश की धरती पर भी भारतीयों के दिल में जिंदा है। और मोदी का नेतृत्व दुनिया में भारत का महत्व बढ़ा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष इस बात से भी बहुत प्रभावित हुए कि वहां पर दीर्घकाल के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें मूर्त रूप दिया जाता है। इसका विकास पर प्रभावी असर दिखता है। मास्टर प्लान बनाकर उसका बेहतर क्रियान्वयन किया जाता है। अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी विकास पर जोर रहता है, जो देश को गति प्रदान करता है। तो यह बात भी अच्छी लगी कि स्थानीय निकाय बहुत शक्तिशाली हैं। किस तरह करारोपण करना है और तिस तरह लोक कल्याण की योजनाओं को बनाकर लागू करना है, इसमें लोकल बॉडी की सोच ही दिशा प्रदान करती है। और इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं रहता। मेयर बहुत पावरफुल होता है। यह भी देखकर विधानसभा अध्यक्ष काफी प्रभावित हुए कि सरकार टैक्सपेयर्स पर ही चलती है। गरीब हो या अमीर, अपने-अपने आय के स्रोतों के मुताबिक सरकार को टैक्स अदा करते हैं। पूरी सौ फीसदी आबादी टैक्स देती है। विधायकों की जिम्मेदारी सरकार के प्रति भी है, तो समाज के प्रति भी है। भारत और कनाडा में यदि अंतर देखने को मिला, तो यह कि वहां आबादी बहुत कम है और हमारे देश में जनसंख्या विस्फोट जैसी स्थिति है। विधानसभा अध्‍यक्ष का मानना है कि आबादी के हिसाब से सामाजिक स्थिति की तुलना की जाए, तो भारत में काम बेहतर माना जा सकता है।
विभिन्‍न सत्रों में वि‍भिन्‍न विषयों पर अपने विचार रखते हुए विधानसभा अध्‍यक्ष गिरीश गौतम ने बल दिया कि शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सुधार के लिए समग्र और समन्वित प्रयास जरूरी है। विधायी निकायों की इस दिशा में महत्‍वपूर्ण भूमिका है। उन्‍हें अपने दायित्‍वों को गंभीरता से निभाना चाहिए। विधानसभा अध्‍यक्ष गौतम ने सतत विकास लक्ष्‍यों की प्राप्ति में विधायी निकायों की भूमिका एवं इस दिशा में भारत एवं विशेषकर मध्‍यप्रदेश में किए जा रहे प्रयासों पर भी अपने विचार रखे। विधानसभा अध्‍यक्ष ने सतत विकास लक्ष्‍यों की प्राप्ति में विधायी निकायों की भूमिका, यूथ राउंड टेबिल  में साइबर बुलिंग, बिल्डिंग जेंडर सेंसेटिव पार्लियामेंट, द क्‍लाइमेट इमरजेसी आदि सत्रों में भाग लिया।
हालांकि यह भी एक रिकार्ड बन गया कि अन्य यूरोपीय देशों का भ्रमण निरस्त करते हुए संसदीय दल तय समय से पहले ही वापस लौट आया। जहां दूसरे राज्यों से कई सदस्यीय दल कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कांफ्रेंस में शामिल होने पहुंचा था, वहीं मध्यप्रदेश से गौतम के अलावा केवल दो सदस्य विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह और विधानसभा अध्यक्ष के ओएसडी नरेंद्र मिश्रा ही सम्मेलन में शामिल हुए।