“ऑपरेशन गंगा” के गलियारे में दिखेंगे मोदी के मानवीय रंग …

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“ऑपरेशन गंगा” के गलियारे में दिखेंगे मोदी के मानवीय रंग …

मध्य प्रदेश कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े की पांचवीं पुस्तक “ऑपरेशन गंगा” का विमोचन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया है। यह पुस्तक अति संवेदनशील मुद्दे रुस-यूक्रेन युद्ध में भारतीयों की सुरक्षित वापसी के परिदृश्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानवीय और संवेदनशील व्यवहार को समेटे हुए है। मोदी के साथ-साथ “ऑपरेशन गंगा” में उन केंद्रीय मंत्रियों का जिक्र भी है, जिन्होंने ऑपरेशन को सफल बनाने में प्रधानमंत्री मोदी की भावनाओं के अनुरूप दिन-रात कठिन परिश्रम किया। किताब के शब्द पाठकों में इस तरह जिज्ञासा पैदा करते हैं कि पन्ने खुद ब खुद पलटने लगते हैं। एक्शन मोड, रामजी का राज, पांच लीटर पानी, कृष्ण लीला, घर की रसोई और महाराजा का लंगर जैसे शब्द मन में कौतूहल जगाते हैं कि आखिर रूस-यूक्रेन युद्ध में बमों-मिसाइलों के आतंक से भारतीय छात्रों और उनके पालतू जानवरों तक की स्वदेश वापसी का रास्ता बनाने का दम केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही भर सकते थे। और उसका उसी अंदाज में क्रियान्वयन का साहस भी मोदी के मंत्रियों में है। किताब के पांच चैप्टर्स में अलग-अलग कहानियां पाठकों को लुभाती हैं और पढ़ते समय रुचिकर हैं तो बाद में भी अच्छी लगती रहेंगी। यह कुशल प्रशासनिक अधिकारी तरुण पिथोड़े की लेखन में प्रवीणता का परिचायक है। उनकी प्रकाशित हो चुकीं पांच पुस्तकों में पहली आईएम पॉसिबिल, दूसरी हैप्पीनेस, तीसरी टूटते रिश्ते दरकते घर, चौथी द बैटल अगेंस्ट कोविड और पांचवी ऑपरेशन गंगा है। यह संयोग ही है कि हैप्पीनेस और ऑपरेशन गंगा का विमोचन 17 फरवरी को ही हुआ है। बस विमोचन में पांच साल का फासला सन् 2018 और 2023 का है। अपने अनुभवों को किस तरह शब्दों में पिरोकर पाठकों के सामने परोसना है, लेखक तरुण पिथोड़े की इस कला के सभी कायल हो जाते हैं। सहज, सरल और संवेदनशील पिथोड़े के व्यक्तित्व और सोच‌ का प्रतिबिंब उनकी किताबें हैं। दो पुस्तक टूटते रिश्ते दरकते घर और ऑपरेशन गंगा हिंदी में हैं, बाकी तीन पुस्तकें अंग्रेजी में प्रकाशित हुई हैं।
प्रशासनिक कुशलता संग लेखन में उत्कृष्ट तरुण पिथोड़े की पांचवीं किताब ऑपरेशन गंगा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कट्टर छवि और सख्त प्रशासक के स्वभाव के दूसरे पक्ष संवेदनशीलता और मानवीयता को पिथोड़े ने पुस्तक में रेखांकित किया है। उनकी इस नई किताब में भारत सरकार के आपरेशन गंगा के उन किस्सों का जिक्र किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री की संवदेनशीलता और मानवीय पक्ष खुलकर सामने आते हैं। आईएएस अफसर पिथोड़े की इस किताब का विमोचन केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को दिल्ली में किया है।
आपरेशन गंगा, डायरी ऑफ अ पब्लिक सर्वेंट किताब में सबसे अहम पहलू यूक्रेन और रूस युद्ध के दौरान वहां रह रहे भारतीयों को स्वदेश लाने के दौरान उत्पन्न हुई मुश्किलें और फिर उनसे बाहर आने की कहानियां हैं। इस किताब में यह बताया गया है कि, भारतीय बच्चे अपने पालतू जानवरों को छोड़कर यूक्रेन से भारत लौटने को राजी नहीं थे। वहीं बचाव दल सिर्फ इंसानों को वापस ला रहा था। जब यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञात हुई तो उन्होंने बचाव दल के मुखिया को कहा कि पालतू जानवरों को साथ लाने दिया जाए और फिर अनेक प्रवासी भारतीय भारत उनके पालतू जानवरों के साथ विशेष विमान से अपने वतन लौट सके।
इसी तरह से अनेक किस्सों को इस किताब में लिखा गया है। साथ में बताया गया है कि भारत के स्वामीनारायण संस्थान, श्री श्री रविशंकर, इस्कान संस्थान, महिलाओं, पुरुषों सहित अनेक संस्थानों और व्यक्तियों ने भारत सरकार के साथ मिलकर यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए भोजन, दवाईयां, कपड़े और कई जरुरत की चीजों को किस तरह मुहैया कराया।
आईएएस तरुण पिथोड़ें की इस 200 पेज की किताब में एक विशेष चेप्टर भी है, जिसमें व्यवहार और आचरण को लेकर काफी कुछ लिखा गया है। पिथोड़े ने लिखा है कि जब हम विदेशों में होते हैं तो हम भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, उस समय हमें अपने आचरण और व्यवहार को अपनी संस्कृति और संस्कार के अनुरुप ही रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि व्यवहार को ऐसा रखें कि किसी को भी हमारी वजह से तकलीफ न हो। उन्होंने इस चेप्टर में यह भी बताया है कि, आपदा के समय नागरिकों को एक दूसरे के प्रति किस तरह का व्यवहार रखना चाहिए।
कुल मिलाकर पिथोड़े की नई पुस्तक भारत की कहानी को बयां करती है जो आपदाकाल में भी मोदी जैसे कोमल और कठोर व्यक्तित्व की वजह से अपनों की सकुशल वापसी को अंजाम दे सका। आईएएस तरुण पिथोड़े सीहोर, बैतूल,  राजगढ़ और भोपाल में कलेक्टर रह चुके हैं और वर्तमान एमडी नागरिक आपूर्ति निगम के पद पर कार्यरत हैं। वह जहां भी रहे, वहां उनकी कार्यप्रणाली का लोहा सभी मानते रहे हैं। लेखन कौशल का प्रमाण यह पुस्तक “ऑपरेशन गंगा” है जिसके गलियारे में मोदी के मानवीय रंग दिखेंगे…।