विकास में रंग भरते रहें मोहन और सवाल पूछते रहें उमंग …
कौशल किशोर चतुर्वेदी
विदेश से लौटने पर आपका स्वागत है मुख्यमंत्री जी। मध्यप्रदेश के युवाओं को सीएम साहेब के लौटने का बेसब्री से इंतजार था! क्योंकि, आपसे उनकी बहुत सी उम्मीदें लगी है! बताइए कि ब्रिटेन और जर्मनी के उद्योगपतियों को मोहकर आप एमपी के लिए कितना निवेश लाए हैं?उससे प्रदेश के कितने युवाओं को रोजगार मिलेगा? मुझे आपके जवाब का इंतजार है!
प्रदेश के जिम्मेदार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से यह सवाल प्रदेश के जिम्मेदार नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पूछा था। और विदेश यात्रा से लौटकर 30 नवंबर 2024 को प्रदेश की धरती पर कदम रखते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वत: ही यात्रा का हिसाब दे दिया।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यूके और जर्मनी की औद्योगिक निवेश संबंधी यात्रा आशा से कहीं अधिक सार्थक रही। यूके और जर्मनी दौरे में लगभग 78 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। यात्रा का सबसे सुखद परिणाम यह रहा कि जर्मनी के मात्र डेढ़ दिन के प्रवास में 18 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगामी फरवरी में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी निवेश को आमंत्रित करने के उद्देश्य से अपनी छह दिवसीय यूके और जर्मनी यात्रा से वापस लौटकर यह हिसाब दे दिया है। हालांकि यह उमंग के सवाल का मोहन के मुख से जवाब मिलने का मतलब यह कतई नहीं है कि सवालों का सिलसिला और जवाब देने का क्रम खत्म हो गया। अभी विधानसभा सत्र आने को है और तब भी मोहन की विदेश यात्रा चर्चा में रहेगी। और सवाल-जवाब होते रहेंगे। और यही लोकतंत्र की खुबसूरती है। मुख्यमंत्री बनने के एक साल के भीतर उद्योग से विकास की नई परिभाषा गढ़ने के लिए मोहन यादव ने हर संभाग में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव कर इतिहास बनाया। तो औद्योगिक विकास के प्रयासों के लिए राज्य के भीतर, राज्य के बाहर देश के दूसरे राज्यों में और विदेश तक पहुंचकर प्रयासों की पराकाष्ठा का उदाहरण पेश किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक व्यवस्था को श्रेय देते हुए मोहन ने बताया कि मध्यप्रदेश को ब्रिटेन में 60 हजार करोड़ और जर्मनी में 18 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। निवेश संवर्धन एवं औद्योगिक विकास के लिए की गई ब्रिटेन व जर्मनी की यात्रा के दौरान हमने एक-एक मिनट का उपयोग प्रदेश की बेहतरी के लिए किया है। निवेश के संबंध में ब्रिटेन और जर्मनी की विदेश यात्रा मध्यप्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। मध्यप्रदेश को ब्रिटेन व जर्मनी में मिले निवेश प्रस्तावों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था व आर्थिक नीतियों से प्रभावित होकर ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देश मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए आतुर हैं। हम सभी प्रदेशवासी मिलकर मध्यप्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि मैं ब्रिटेन और जर्मनी की यात्रा पर था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक व्यवस्था के कारण भारत ने पिछले वर्ष ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना है। दूसरा देश जर्मनी है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की अर्थव्यवस्था पीछे छोड़ने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। आर्थिक विकास के लिए पूरी दुनिया का अपना-अपना एजेंडा है, लेकिन मध्यप्रदेश किसी भी मामले में पीछे नहीं है। मध्यप्रदेश अपनी क्षमता, प्रतिभा, कौशल और मेहनत से लगातार आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश के विकास व रोजगार के लिए भाजपा सरकार कार्य कर रही है। जहां भी रोजगार मिलेगा, वहां मध्यप्रदेश पहले खड़ा दिखाई देगा। मध्यप्रदेश युवाओं के आकांक्षाओं को पंख देकर रोजगार के साधन उपलब्ध कराएगा। ब्रिटेन व जर्मनी की यात्रा मध्यप्रदेश को और बेहतर स्थान पर पहुंचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेश के लिए मध्यप्रदेश को 25 हजार करोड़ का प्रस्ताव मिला है। समाज आधारित रिसर्च के लिए भी मध्यप्रदेश सरकार ने एक विश्वविद्यालय से एमओयू किया है। मध्यप्रदेश के विकास के लिए संभाग स्तर पर रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव बहुत कारगर साबित हो रहे हैं। आगामी 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव करने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रदेश के सभी जिलों का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम और आप सभी मिलकर मध्यप्रदेश को देश का सबसे बेहतर राज्य बनाने के लिए कार्य करेंगे।
तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की दूसरी चिंता पर भी मोहन ने गौर किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे प्रदेश में सभी प्रकार के संसाधन पर्याप्त उपलब्ध हैं। हमारे यहां योग्य और क्षमतावान युवा हैं। प्राकृतिक संसाधन प्रचूर मात्रा में हैं। इसी योग्यता के कारण मैं कह सकता हूं कि दुनिया में जहां रोजगार मिलेगा, उसे पाने वालों की दौड़ में प्रदेश के युवा शामिल होंगे । मध्यप्रदेश रोजगार में भी सबसे आगे निकलेगा। युवाओं को उनकी दक्षता के अनुसार उनकी उड़ान को हम पंख देंगे। बड़े पैमाने पर आर्थिक रूप से सम्पन्न राज्य बनकर मध्यप्रदेश विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आप चिंता करते रहिए मध्यप्रदेश की और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की। और डॉ. मोहन यादव आप जवाब भी देते रहें और जिम्मेदारी से प्रदेश को नंबर वन राज्य बनाने के लिए देश-दुनिया से निवेशक लाते रहें। तो युवाओं को रोजगार देने की नई-नई राह तलाशते रहें और उद्योगों को 21वीं सदी के मध्यप्रदेश के विकास का पूर्ण आधार बनाकर इतिहास रचें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहली विदेश यात्रा चिल्ला-चिल्लाकर विपक्ष को यह अहसास करा दे कि हां हम 78 हजार करोड़ लाए हैं और 78 लाख करोड़ लाकर प्रदेश को नंबर वन राज्य बनाने का हमारा संकल्प है…।