पंजीयन क्रांति का वाहक है मोहन सरकार का संपदा-2.0 नवाचार…

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पंजीयन क्रांति का वाहक है मोहन सरकार का संपदा-2.0 नवाचार…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दावा सोने की तरह खरा है कि संपदा-2.0 ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन साबित होगा। नवीन तकनीक पर आधारित यह नवाचार संपत्तिधारकों का जीवन सरल और सुगम बनाएगा। यह भी सच है कि राज्य सरकार के नवाचार “संपदा-2.0” को पूरा देश फॉलो करेगा, क्योंकि मध्यप्रदेश यह नवाचार शुरू करने वाला देश में पहला राज्य है। और इसीलिए “ईज ऑफ लिविंग’’ की दिशा में प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह नई सौगात हैं। यह दावा भी सही है कि अब उम्मीद नहीं, बल्कि भरोसा किया जा सकता है कि पंजीयन की व्यवस्था अब सुगम, सरल और करप्शन-फ्री बन जाएगी। इसके बाद भी कोई ठगी करता है तो उसका इलाज सरकार को अलग से करना पड़ेगा।

सरकार के दावों के बाद संपदा-2.0 पोर्टल के बारे में जब हमने पूरी तहकीकात की, तो सच सामने आया कि अब पंजीयन व्यवस्था में फर्जीवाड़े की गुंजाइश पूरी तरह से खत्म होना सुनिश्चित है। पंजीयन विभाग ने फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाए हैं ताकि कहीं पर भी किसी लीकेज की गुंजाइश नहीं बची और इसीलिए मोहन यादव के दावों में दम है। हालांकि अभी पॉवर ऑफ अटार्नी या छोटे-मोटे काम ही संपत्तिधारक घर बैठे कर सकते हैं, लेकिन नई व्यवस्था में भी रजिस्ट्री के लिए संपत्तिधारकों को पंजीयन कार्यालय ही जाना पड़ेगा। पर यह सच है कि फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं रहेगी, क्योंकि अभी तक फर्जी रजिस्ट्री से ठग ऐसा कर लेते थे। वजह यह भी है कि पंजीयन के नियमों में रजिस्ट्री के सत्यापन का कोई प्रावधान नहीं है। पर अब नई व्यवस्था में रजिस्ट्री का काम प्रोपर्टी आईडी से ही संभव होगा। और आईडी का रिकॉर्ड राजस्व खसरों और नगरीय निकाय संपत्ति रिकार्ड से सीधा कनेक्ट रहेगा। इससे गड़बड़ी की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। एक ही संपत्ति की बार-बार रजिस्ट्री का फर्जीवाड़ा भी संभव नहीं होगा। और गवाहों की भूमिका भी खत्म हो जाएगी। शुरुआती कवायद में संपत्तिधारक को परेशानी होगी तो यह कि यदि संपत्ति की आईडी जनरेट नहीं है, तो टेम्पररी आईडी की प्रक्रिया पूरी कर ही रजिस्ट्री संभव हो सकेगी। हालांकि एक बार की कवायद के बाद फिर समस्या खत्म हो जाएगी। वहीं संपत्ति की फोटो के लिए भी मोबाइल एप का ही उपयोग होगा और उसमें भी गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। वहीं घर बैठे ई-स्टांप जनरेट करने की सुविधा भी मिलने से स्टांप वेंडर की भूमिका भी खत्म होने जा रही है। संपत्ति क्रय-विक्रय आधार से लिंक होने के चलते अब क्रेता-विक्रेता के बारे में फिंगर प्रिंट सहित पहचान व पते के सारे दस्तावेज स्वत: ही पंजीयन रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएंगे। इसीलिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार का संपदा-2.0 नवाचार अब मध्यप्रदेश में पंजीयन क्रांति लाने वाला है। एक साल में ही इसका असर दिखने लगेगा, तब दावे पर संपत्तिधारकों की पक्की मुहर लग सकेगी।

केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 120 शहरों के जीआईएस मैपिंग का कार्य देकर सोने पर सुहागा ही कर दिया है, इससे पंजीयन में मदद मिलेगी। मोहन सरकार इसके लिए हर जिले में जीआईएस लैब स्थापित कर इसकी गंभीरता को महसूस कर रही है। वहीं ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन की नवीन प्रणाली पर विकसित “संपदा-2.0″ पोर्टल और मोबाइल ऐप क्रांति के वह दो महत्वपूर्ण सारथी हैं,जो क्रांति के रथ को सही दिशा में लेकर जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बहुत उन्नति कर रहा है। वहीं मोहन यादव ने अगला लक्ष्य तय कर लिया है कि आईटी में नवाचार के साथ मध्यप्रदेश सरकार पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाएगी। वहीं डॉ. मोहन यादव संपदा-2.0” की खूबियां बताते हुए कहते हैं कि “संपदा-2.0″ उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है। इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है। जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर ऐप में लोकेशन के माध्यम से मालूम हो सकेगी। सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईएस मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।”

तो देश में यह नवाचार करने वाला पहला राज्य बनने के साथ ही मध्यप्रदेश और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए यह सुखद भी है कि वर्चुअल संवाद में स्पेन के मरियानों मटियास ने बताया कि आज तक स्पेन में भी ई-रजिस्ट्री का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को धन्यवाद के साथ कहा कि जो काम स्पेन में नहीं हुआ, वह मध्यप्रदेश ने उनके नेतृत्व में टीम ने करके दिखा दिया है।

तो उम्मीद यही है कि मध्यप्रदेश क्रांति की दिशा में हर समय क्रांतिकारी कदम आगे बढ़ाता रहे। डॉ. मोहन यादव की सरकार में पंजीयन विभाग के साथ-साथ दूसरे विभागों में भी व्यवस्थाएं सुगम, सरल, पारदर्शी और भ्रष्‍टाचार मुक्त हो सकें और फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइश न बचे। यह पंजीयन क्रांति मध्यप्रदेश के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि साबित होगी। इसमें कोई संशय नहींं है कि मोहन सरकार का संपदा-2.0 नवाचार पंजीयन क्रांति में वाकई मील का पत्थर और वाहक साबित होगा

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